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तीर्थ-पुरोहित मंदिरों में नियमित रूप से पूजा-पाठ करेंगे
गढ़वाल आयुक्त एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि कि श्रद्धालुओं को वर्चुअल माध्यम से दर्शन हो इसके लिए वेबसाईट तथा अन्य माध्यमों को अपडेट किया जा रहा है। चारधाम यात्रा को स्थगित रखने के बावजूद तीर्थ-पुरोहित मंदिरों में नियमित रूप से पूजा-पाठ करेंगे लेकिन श्रद्धालुओं को यहां आने की इजाजत नहीं है। उत्तराखंड सरकार ने आधिकारिक जानकारी देते हुए आईएएनएस को बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा के लिए किसी को भी अनुमति नहीं है। स्थानीय जिलों के निवासी भी मंदिरों में नहीं जा सकेंगे। चारों धामों के श्रद्धालुओं को वर्चुअल दर्शन हेतु देवस्थानम बोर्ड को कहा गया है।
चारधाम यात्रा रद्द
देवस्थानम बोर्ड के डा. हरीश गौड़ ने बताया कि चारधाम यात्रा रद्द की जा चुकी है लेकिन चारधाम के पट नियमित समय पर ही खुलेंगे। 17 मई सोमवार को 5 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई मंगलवार प्रात 4 बजकर 15 मिनट पर खुलने जा रहे हैं। गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार बैशाख शुक्ल तृतीया के शुभ मुहुर्त पर प्रात 7 बजकर 31 मिनट पर खुल गये हैं। यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर शुक्रवार अभिजीत मुहुर्त पर खोले गए। वहीं श्री हेमकुंड साहिब एवं श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी निश्चित नहीं हुई है।
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कोरोना बचाव मानकों का पालन किया जाएगा
देवस्थानम बोर्ड ने बताया कि फिलहाल सभी आयोजन सांकेतिक रूप से हो रहे है। वर्तमान में चारधाम यात्रा स्थगित है। सभी आयोजनों में कोरोना बचाव मानकों का पालन किया जाएगा। मास्क लगाना, सोशियल डिस्टेंसिंग, सेनिटाईजिंग, थर्मलस्क्रीनिंग तथा कोरोना जांच को एसओपी के अनुसार अनिवार्य किया जा रहा है। धामों में पूजापाठ से जुड़े लोगों को ही जाने की प्रशासन द्वारा अनुमति दी गयी है। डा. हरीश गौड़ के मुताबिक द्वितीय केदार मदमहेश्वर जी के कपाट 20 मई, तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट तथा, चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट 17 मई को खुल रहे हैं। इस बीच केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली का प्रस्थान भी केवल कुछ चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में ही हुआ।