चेन्नई: टीचर के ट्रांसफर पर स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन, स्कूल जाने से भी किया इनकार
क्या है मामला? बता दें कि यह मामला 9 जून यानी 12 दिन पहले रमजान के समय का है। नोएडा की एक ट्रैवल कंपनी में काम करने वाले 34 साल के कमल कुमार सिंह ने 500 रुपए के कूपन के जरिए ओला कैब राजीव चैक से द्वारका मोर के लिए बुक की थी। ड्राइवर ने कमल से ओटीपी नंबर मांगा फिर कैब में बैठाकर राजीव चैंक के आस-पास घुताता रहा। कुछ देर बार कैब ड्राइवर ने कमल को यह कहते हुए कैब से उतर जाने को कहा कि वे आगे नहीं जा सकता।शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
कमल के अनुसार उस समय तो वह कैब से उतर गया और जैसे-तैसे घर पहुंचा। लेकिन घर जाने के बाद उन्होंने इस असुविधा के लिए ओला कंपनी से शिकायत की। कई बार ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि कई बार ट्वीट करने के बाद भी ओला कंपनी की तरफ से बस एक ही जवाब आता है कि आपकी परेशानी का समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस घटना को हुए 12 दिन बीत गए हैं, लेकिन ओला कंपनी की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
हिन्दू होने की मिली सजा
कमल की मानें तो उन्हें हिंदू होने की सजा मिली है, क्योंकि कैब ड्राइवर मुस्लिम था। अगर वे हिन्दू नहीं होते तो शायद उनके साथ ऐसा नहीं होता। उनका कहना है कि ओला की ऐसी सर्विस का खामियाजा हम जैसे आम इनसान को झेलना पड़ता है। और वे अच्छी सेवाओं का दमभरत रहते है।