पाकिस्तान में बैठे हाफिज इकबाल उर्फ काना ने इस साजिश को रचने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि काना, कैराना के हाजी सलीम और सिकंदराबाद से गिरफ्तार नासिर और इमरान के बीच कोई भी संदेश सलवार सूट की तस्वीर के रूप में एक-दूसरे को भेजते थे।
काना ने सलीम, काफील, नासिर और इमरान को बतौर मोहरा इस्तेमाल किया। यही नहीं इन्हें पाकिस्तान से मोटी रकम देने का वादा भी किया गया था। यही वजह थी कि पैसों के लिए ये चारों देश को बर्बाद करना चाहते थे।
इकबाल काना शुरुआत में सोने की तस्करी करता था। बाद में नकली नोटों और असलहे के तस्करी करने के धंधा करने लगा। 1995 में पुलिस का दबाव बढ़ने लगा तो परिवार समेत पाकिस्तान भाग गया।
ब्लास्ट मामले में एनआईए ने अबतक चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इनमें नासिर खान उर्फ नासिर मलिक और उसके भाई इमरान मलिक उर्फ इमरान खान को तेलंगाना के सिकंदराबाद से गिरफ्तार किया गया। वहीं मो. सलीम अहमद उर्फ हाजी सलीम और कफिल उत्तर प्रदेश के कैराना से दबोचे गए हैं। आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का शक किसी को न हो, इसके लिए इन्होंने दिखावे के तौर पर कपड़ों का कारोबार कर रखा था।
सबसे पहले इकबाल काना ने शामली के सलीम को आतंकी वारदात के लिए रिक्रूट किया। फिर साजिश का प्लान बनाया। लेकिन वारदात को अंजाम देने के लिए सेफ सिटी (सुरक्षित शहर) में रहनेवाले किसी शख्स की तलाश शुरू हुई, जो खासकर कपड़ों का कारोबार रेलवे के जरिए करता हो।
एनआईए की पूछताछ में साजिश को लेकर कई अहम राज सलीम ने उगले हैं। खुलासे के बाद कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान से हवाला के जरिए सलीम को करीब पौने दो लाख रुपए दिए गए। ब्लास्ट में लगातार शामली कनेक्शन मिलने के बाद अब एनआईए देशभर में इसके तार जोड़ने में जुटी है।
पाकिस्तान से काना ने मोबाइल के जरिए इमरान को लगातार लिक्विड बम बनाने का वीडियो भेजा और उसी वीडियो को देखकर लिक्विड बम बनाया गया था। साजिश के मुताबिक हैदराबाद और काजीपेट रेलवे स्टेशन के बीच पार्सल बोगी में ब्लास्ट करना था। बम धमाके से पार्सल बोगी में आग लग जाती।