वहीं पश्चिम बंगाल सरकार भी हाई अलर्ट पर है। सुरक्षा व्यवस्था की तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं। साथ ही मछुआरों को भी समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है। आपको बता दें कि चक्रवाती तूफान तौकते ने महाराष्ट्र, गुजरात समेत कर्नाटक और केरल में भी जमकर असर दिखाया।
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जोरदार भूकंप के झटकों से कांपी धरती, तीन लोगों की मौत 27 से ज्यादा लोग हुए जख्मी हाई अलर्ट पर ओडिशाओडिशा के मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्रा ने जानकारी दी कि ओडिशा के सभी तटीय और आसपास के जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सभी लाइन के विभागों, एनडीआरएफ, तटरक्षक बल, आईएनएस चिल्का, डीजी पुलिस और डीजी फायर सर्विस के साथ बैठक की गई। मौसम विभाग की भविष्यवाणियों को ध्यान में रखते हुए बिजली कंपनियों, ग्रामीण और शहरी वाटर सप्लाई विभागों, स्वास्थ्य विभागों, ओडिशा डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और एनडीआरएफ जैसे सभी संबंधित विभागों को मैनपॉवर और जरूरी सामान के साथ तैयार रहने के लिए अलर्ट पर रखा गया है।’
ओडिशा के 14 जिले हाई अलर्ट पर
ओडिशा सरकार ने 30 में से 14 जिलों को सतर्क कर दिया है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को भारतीय नौसेना एवं भारतीय तट रक्षक बल से स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 26 मई को यास चक्रवात के ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तट से गुजरने की आशंका जताई है। पश्चिम बंगाल के बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन (सीईएससी) के अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने चक्रवात ‘यास’ की तैयारियों की समीक्षा की, जिसके 26 मई को बंगाल तट से टकराने की संभावना है।
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जानिए दुनिया की सबसे महंगी चाय कौनसी है, इसके एक घूंट की कीमत सोने से कई गुना ज्यादा है मंत्री ने कहा कि चक्रवाती तूफान के बाद की तैयारी के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। बिस्वास ने कहा कि ट्रांसफार्मर और बिजली के खंभे तैयार रखे जा रहे हैं क्योंकि चक्रवाती तूफान बिजली की आपूर्ति को प्रभावित करते हैं।
IMD के मुताबिक, उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने और 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तेज होने की संभावना है। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 26 मई के आसपास ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट तक पहुंचने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि पिछले वर्ष मई में आए तूफान अम्फान के चलते दक्षिण बंगाल में कई शहर और कई जिले लंबे समय तक बिजली के बिना थे।