भारतीय रेलवे ने यात्रियों को दिया बड़ा झटका, सभी टिकटें कर दीं कैंसल इस संबंध में रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर लिखा, “बिहार की एक छोटी लड़की के साहस ने हिला दिया है जिसने गुरुग्राम से दरभंगा तक 1000 किलोमीटर से भी ज्यादा की दूरी अपने पिता को साइकिल में पीछे बिठाकर पूरी की।”
प्रसाद ने खेल मंत्री किरण रिजिजू से भी बात की और इस लड़की को प्रशिक्षण दिलाने में मदद करने के लिए कहा। उन्होंने लिखा, “खेल मंत्री से भी अपील की है कि बिहार की इस लड़की- ज्योति कुमारी पासवान अगर चाहे तो उसे मशहूर साइकिल चालक बनाने के लिए प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति के रूप में पूरी सहायता दें। मैं उसके साहस और दृढ़ संकल्प को सलाम करता हूं।”
गौरतलब है कि ज्योति ने इतने लंबे रास्ते अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल में पीछे बिठाकर एक दिन में 30-40 किमी तक साइकिल चलाई। यह एक लंबी और दर्दनाक यात्रा थी, लेकिन लंबे समय तक करीब आठ दिनों के बाद यह पिता और बेटी आखिरकार अपने पैतृक गांव सिरहुवल्ली पहुंचने में कामयाब रहे।
गुरुग्राम में टेंपो चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते वाले मोहन एक दुर्घटना में घायल होने के चलते बेरोजगार हो गए थे। वह कमाने में असमर्थ थे और उसके मकान मालिक ने उसे किराया देने या घर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया था।
पांच डॉक्टरों ने किया एक युवती के मुंह में इंफेक्शन का ऑपरेशन, बाद में सभी की जांच में हुआ बड़ा खुलासा तब उनकी बेटी के आग्रह पर मोहन ने एक पुरानी साइकिल एक ऋण पर खरीदी और दोनों ने गुरुग्राम से अपने मूल निवास के लिए प्रस्थान किया।
इस बीच साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने उनके दृढ़ संकल्प से प्रभावित होकर ज्योति को अगले महीने दिल्ली में ट्रायल के लिए बुलाया है। महासंघ के अध्यक्ष ओंकार सिंह ने कहा कि अगर कक्षा आठ की छात्रा कुमारी ने ट्रायल पास कर लिया, तो उसे आईजीआई स्टेडियम परिसर में अत्याधुनिक नेशनल साइक्लिंग अकादमी में प्रशिक्षु के रूप में चुना जाएगा।
सिंह ने कहा कि लड़की से बात कर बताया है कि उसे लॉकडाउन खुलते ही अगले महीने दिल्ली बुलाया जाएगा। उसकी यात्रा, ठहरने और अन्य सभी खर्चों का वहन संस्था द्वारा किया जाएगा।