जिसमें से 16,986 लोग कोरोना पॉजिटीव ( Coronavirus Positive ) हैं। 5803 लोगों को देश के विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
वहीं, देशव्यापी लॉकडाउन ( Lockdown ) को एक महीने का समय हो चुका है। लॉकडाउन का यह दूसरा चरण 3 मई को खत्म होगा।
लेकिन कई राज्य अन्य राज्यों में फंसे अपने लोगों को वहां निकालने की जल्दबाजी में दिखाई दे रहे हैं। ऐसे ही कई जगहों पर इन राज्यों ने अपनी बसें भेज दी हैं।
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इस बीच हजारों की संख्या में प्रवासी तो अपने-अपने गृह राज्यों में पहुंच भी चुके हैं। इसकी शुरुआत शनिवार को उत्तर प्रदेश ने की।
वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने भी महाराष्ट्र को चिठ्ठी लिख वहां फंसे लोगों को वापस आने देने का अनुरोध किया।
इसके साथ ही महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने राजस्थान से अपने लोगों के लिए सेफ पैसेज की मांग की है।
वहीं, छत्तीसढ़ ने कोटा में फंसे 1500 लोगों को वापस बुला भेजा है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर ने भी देश के तमाम राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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वहीं, राज्य सरकारों की ओर से अपने नागरिकों को वापस बुलाए जाने की जल्दबाजी 3 मई को खत्म होने वाले लॉकडाउन को लेकर मन में संशय पैदा कर रही है।
सवाल यह है कि क्या राज्य सरकारे दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को इसलिए वापस बुला रही हैं, ताकि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जा सके।
क्या राज्य सरकारे लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खोलने की योजना बना रही हैं।
क्या राज्य सरकारों को डर है कि बिना अपने नागरिकों को वापस बुलाए लोकडाउन की मियाद बढ़ाने से देश में संकट खड़ा हो सकता है।
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