नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने महामारी को और भी बढ़ा दिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी डॉक्टर्स लोगों की सेवा करते हुए इस महामारी की चपेट में अपनी जान गवां बैठे हैं। कोरोना वायरस (COVID-19) की दूसरी लहर ने 269 डॉक्टर्स की जान ले ली है। कोरोना के कहर से कोई नहीं बच सका है, चाहे वो अभिनेता हो या राजनेता, आम जनता हो या लोगों को कोरोना से मुक्ति दिलाने वाले डॉक्टर्स ही क्यूं ना हो, कोई भी इससे अछूता नहीं रह गया।
देश भर में 269 डॉक्टर्स की मौत की पुष्टि खुद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने की है। एक बार फिर से लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना की पहली लहर इतनी खतरनाक नहीं थी, क्योंकि उसमें लोग 14 दिनों के अंदर ही ठीक होकर आ रहे थे, वहीं इस बार लोगों के ठीक होने की खबर कम और मरने की खबरें ज्यादा आ रही हैं, जिनमें डॉक्टर्स भी शामिल है।
इस बार कोरोना वायरस ने डॉक्टर्स पर सबसे ज्यादा निशाना बिहार में साधा है। आईएमए के अनुसार बिहार में हताहतों की संख्या 78 है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 37, तो दिल्ली में 28 डॉक्टरों की जान इस महामारी ने ली है।
कोरोना महामारी ने देश भर में आतंक फैला रखा है। बिहार, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अलावा आंध्र प्रदेश में कोरोना से जान गवां बैठे डॉक्टरों की संख्या 22 है। वहीं, तेलंगाना में 19, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में 14 और तमिलनाडु में 11 डॉक्टर्स की मौत हो गई है।
ओडिशा में कोरोना से मरने वाले डॉक्टर्स की संख्या 10 है, कर्नाटक में 8 और मध्य प्रदेश में 5 डॉक्टरों की मौत हुई है। इससे पहले सोमवार देर रात पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल का दिल्ली के एम्स में कोरोना वायरस के साथ लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया।