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Coronavirus : कोरोना संक्रमण में कारगर साबित होगी प्लाज्मा थेरपी! इबोला पर मिली थी सफलता

चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस से भारत समेत दुनिया भर के देशों में तबाही मचा रखी है
चीन, ईरान, इटली, स्पेन और अमरीका के मुकाबले भारत में कोरोना प्रभाव कम ही देखने को मिला है

Mar 31, 2020 / 11:01 pm

Mohit sharma

Coronavirus : कोरोना संक्रमण में कारगर साबित होगी प्लाज्मा थेरपी! इबोला पर मिली थी सफलता

Coronavirus : कोरोना संक्रमण में कारगर साबित होगी प्लाज्मा थेरपी! इबोला पर मिली थी सफलता

नई दिल्ली। चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ( coronavirus ) से भारत समेत दुनिया भर के देशों में तबाही मचा रखी है। हालांकि चीन, ईरान, इटली, स्पेन और अमरीका के मुकाबले भारत में कोरोना प्रभाव कम ही देखने को मिला है, वाबजूद इसके कोरोना ( Coronavirus in india ) के मरीजों की संख्या यहां बढ़कर 1500 हो गई है, जबकि 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं, कुछ वैज्ञानिक अब कोरोना ( COVID-19 ) का इलाज प्लाज्मा थेरपी ( Plasma therapy ) से करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि अभी इस पर शोध ही चल रहा है।

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दरअसल, नैशनल सेंटर फॉर बायोटैक्नॉलजी इंफॉर्मेशन के अनुसार, दिसंबर 2019 में अमरीका के Food and Drug Administration (FDA) द्वारा स्वीकृत इबोला वैक्सीन तैयार हुई है।

इससे पहले मरीज को इस वायरस से बचाने के लिए प्लाज्मा थेरपी का इस्तेमाल किया गया था।

अब जबकि दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है तो ऐसे में प्लाज्मा थेरपी के माध्यम से इस महामारी का इलाज निकल सकता है।

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कोरोना वायरस के जो मरीज ठीक होकर अपने—अपने घरों को लौट चुके हैं, अब उनकी बॉडी में बनने वाले एंटिबॉडीज की मदद ली जाएगी।

हेल्थ एक्पर्ट्स की मानना है कि उनकी एंटिबॉडीज से अब कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा सकेगा। अगर इस दिशा में वैज्ञानिकों के हाथ कोई सफलता लगती है तो यह कोरोना के मरीजों के लिए चम्तकारिक इलाज साबित होगा।

ऐसे में बुजुर्ग या उन मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा, जिनका इम्यून सिस्टम वीक है।

एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी भी शख्स की बॉडी में ऐंटिबॉडीज उस समय बनना शुरू होता है, जब उसके शरीर पर वायरस का हमला होता है। इस दौरान यह ऐंटिबॉडीज उस वायरस से लड़कर उसको हराने का काम करती है।

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एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे मरीजों की बॉडी से ऐंटिबॉडीज निकालकर इसको अन्य संक्रमित लोगों में इंजेक्ट किया जा सकता है।

जिससे उस मरीज की रोग प्रतिरोध क्षमता विकसित होगी और वह कोरोना से पार पा सकेगा। इस थेरपी को मेडिकल साइंस में प्लाज्मा डिराइव्ड थेरपी का जाता है।

 

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