स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का बड़ा खुलासा, देश के कुछ इलाकों में हुआ कोरोना का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन दरअसल, भारत में कोरोना वायरस की गणितीय प्रगति का अध्ययन करने के लिए केंद्र ने नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय समिति नियुक्त की थी। इस समिति ने एक दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को इस बात को स्वीकार भी किया कि देश में सीमित संख्या में राज्यों के कुछ इलाकों में कोरोना वायरस का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन हुआ है।
इस समिति का अध्ययन इस बात पर रोशनी डालता है कि भारत कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में कहां खड़ा है और आगे क्या होने वाला है। तो आइए जानते हैं कि इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कौन-कौन से ही हैरानी भरी बातें कहीं हैं:
1. अगर सावधानियों का पालन नहीं किया गया तो त्योहारों के मौसम की वजह से भारत में एक महीने में 26 लाख नए मामलों के रूप में अप्रत्याशित तेजी देखी जा सकती है।
2. केरल, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में अभी भी नए मामलों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जबकि बाकी जगह महामारी को स्थिर किया गया है।
कोरोना वायरस को मिला इनका साथ तो हुआ और ताकतवर, वर्ना नहीं जा पाती इतने लोगों की जानें 3. सर्दियों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आएगी, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
4. लोकल लॉकडाउन अब प्रभावी नहीं हैं, लेकिन अगर मार्च-अप्रैल में लॉकडाउन नहीं हुआ होता, तो भारत की कुल मौतें अगस्त में ही 25 लाख से ज्यादा हो सकती थीं। फिलहाल अभी मरने वालों की संख्या 1.14 लाख पर है।
6. भारत सितंबर में कोविड-19 के चरम पर पहुंच गया था और अब नीचे की ओर ढलान पर है।
7. फरवरी 2021 तक यह संकट खत्म होने की संभावना है। उस समय तक 1.05 करोड़ मामले हो सकते हैं।
8. कुल संक्रमित मामलों की संख्या में प्रवासियों से बहुत फर्क नहीं पड़ा।
कोरोना के बाद अगली महामारी को लेकर बड़ी चेतावनी, अभी से जरूरी है तैयारी क्योंकि सामने आई जानकारी 9. उत्तर भारत में प्रदूषण के कारण हमें आने वाले महीनों में भी सावधान रहना होगा।
10. कोरोना केस का बढ़ता कर्व (वक्र) सपाट है और बेहतर हेल्थ केयर सिस्टम द्वारा प्रारंभिक लॉकडाउन से इस वक्र को सपाट करने में मदद मिली।