COVID-19: ऑक्सीजन की कमी के बीच ओडिशा ने की मदद की पेशकश, पटनायक ने की पीएम मोदी से बात
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने COVID-19 के चिंताजनक हालात पर पीएम मोदी से बात करते हुए कहा कि ओडिशा अन्य राज्यों की सहायता के लिए ऑक्सीजन उत्पादन में वृद्धि करेगा।
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भुवनेश्वर। जहां देश में एक ओर कोरोना वायरस की दूसरी लहर से परेशान तमाम राज्य ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं, ओडिशा ने आगे आकर अन्य राज्यों की मदद की पेशकश की है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार को देश में COVID-19 के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और कहा कि यह युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ओडिशा इस आपात स्थिति में अन्य राज्यों की सहायता के लिए ऑक्सीजन के उत्पादन में वृद्धि समेत राष्ट्रीय स्तर पर सभी सहयोग करेगा।
सीएमओ के मुताबिक, “पटनायक ने कहा कि यह एक युद्ध जैसे स्थिति है और और ओडिशा कोविड से लड़ाई के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर सभी सहयोग करेगा। इसके अंतर्गत ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाना भी शामिल है ताकि इस आपातकालीन हालात में अन्य राज्यों की मदद की जा सके।”
ओडिशा के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में कोरोना वायरस के 6164 के नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 2,009 लोग रिकवर हुए हैं। वहीं, सात लोगों की मृत्यु भी हुई है।
बड़ी खबरः कोरोना वायरस के कोहराम के बीच सामने आई बड़ी खुशखबरी, देश के दिग्गज डॉक्टर ने दी शानदार जानकारी इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को COVID-19 महामारी के दौरान, ऑक्सीजन की कमी सहित विभिन्न स्वास्थ्य आपात स्थितियों के संबंध में पैदा हुई “खतरनाक स्थिति” का स्वतः संज्ञान लिया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कोविड से पैदा हुई इस तरह की स्थिति को संभालने के लिए तत्काल और प्रभावी कार्रवाई के तरीकों पर प्रतिक्रिया मांगने के लिए केंद्र को नोटिस जारी किया।
वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर अदालत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि ‘बेग, बॉरो ऑर स्टील’ यानी ‘हाथ फैलाओ, उधार लो या फिर चोरी करो’ लेकिन ऑक्सीजन की कमी का रोना ना हो। अदालत ने केंद्र सरकार को ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही को अतिरिक्त संरक्षण मुहैया कराने के भी निर्देश दिए।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऑक्सीजन की कमी को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि राज्यों को बिना किसी रुकावट के ऑक्सीजन मिलनी चाहिए और इसकी आपूर्ति में तेजी लाई जाए। ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और आपूर्ति के नए तरीके खोजे जाएं।