कांग्रेस ने यह भी पूछा है कि क्या पेटीएम, जिसके पास 38 प्रतिशत चीनी स्वामित्व है, ने 100 करोड़ रुपये, ओप्पो ने 1 करोड़ और फंड में दिए हैं। सिंघवी ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने पीएमएनआरएफ में प्राप्त दान को विवादास्पद पीएम-केयर्स फंड में डायवर्ट कर दिया है और कितनी सौ करोड़ की राशि डायवर्ट की गई है? सिंघवी ने कहा कि रिपोर्टे दर्शाती हैं कि 20 मई, 2020 तक फंड को 9,678 करोड़ रुपये मिले। चौंकाने वाली बात यह है कि चीनी सेनाओं ने हमारे क्षेत्र में घुसपैठ कर ली है, लेकिन प्रधानमंत्री ने चीनी कंपनियों से फंड में पैसा लिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि अगर भारत के प्रधानमंत्री विवादास्पद और अपारदर्शी निधि में चीनी कंपनियों से सैकड़ों करोड़ रुपये के दान को स्वीकार करके अपनी स्थिति से समझौता करेंगे, तो वह चीनी आक्रामकता के खिलाफ देश की रक्षा कैसे करेंगे? कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी देशहित में सवाल पूछती रहेगी।