डॉक्टर रेड्डी और रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि यह एक बहु केन्द्र और Randomized controlled study होगी। इसमें सुरक्षा और प्रतिरक्षाजनकता की स्टडी की जाएगी। गौरतलब है कि रूस ने स्पूतनिक लांच करने के साथ दुनिया में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाई थी। दुनिया में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन के निर्माण के रूस के इस दावे के बाद हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल फर्म ने 13 अक्टूबर को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को पुन: आवेदन भेजा था। इस आवेदन में देश में रूसी कोरोना वैक्सीन सेकेंड और थर्ड फेज के हयूमन ट्रायल को मंजूरी देने की मांग की गई थी।
डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के प्रबंध निदेशक जीवी प्रसाद ने जानकारी देते हुए कहा कि हम DCGI की वैज्ञानिक कड़ाई और मार्गदर्शन को स्वीकार करते हैं। वहीं, रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के सीईओ किरिल दिमित्रिक ने भी भारतीय नियामकों के साथ सहयोग करके प्रसन्नता जाहिर की है।