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तेल उत्पादन घटाने का फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मीडिया से बातचीत कर रहे धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तेल उत्पादक देशों ने पिछले साल अप्रैल में तेल उत्पादन घटाने का फैसला किया था। इसका एक प्रमुख कारण कोरोना महामारी के चलतेे तेल में आई अचानक कमी को भी माना गया था। इसके साथ ही अधिक कमाई के चक्कर में इन देशों ने तेल के उत्पादन में कटौती करने का रास्ता अख्तियार किया। प्रधान ने बताया कि अभी ये देश तेल के उत्पादन में कटौती कर ज्यादा मुनाफा लेने का प्रयास कर रहे हैं। अब जब कि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है और मार्केट ऑपन हो चुके हैं तो तेल की अचानक मांग बढ़ गई है। यही कारण है कि आपूर्ति की अपेक्षा मांग ज्यादा बढऩे से तेल के दाम अचानक बढ़ गए हैं।
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पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि
मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम मार्च या अप्रैल में कम हो सकते हैं। बीते सप्ताह के आखिर में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई नरमी के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि पर फिर विराम लग गया। तेल विपणन कंपनियों ने एक दिन की वृद्धि के बाद रविवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि पेट्रोल का भाव देशभर में रिकॉर्ड उंचे स्तर पर बना हुआ है। बीते सप्ताह के आखिर में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के भाव में करीब तीन डॉलर प्रति बैरल की गिरावट दर्ज की गई। ब्रेंट का भाव 65 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया है।