Bihar: Congress-RJD के लिए गठबंधन संभाले रखना चुनौती, उपेन्द्र कुश्वाह, जीतनराम मांझी दिखा रहे आंख
केजरीवाल ने कहा कि कोरोना को रोकने की लड़ाई मार्च महीने में शुरू हुई। जिन देशों में कोरोना फैला था वहां से भारतीय वापस आए। केंद्र ने द्वारा उन्हें भारत वापस लाने का सही फैसला लिया गया। इस दौरान लगभग 35 हजार लोग आए इनमें से केवल कुछ को बुखार था। उन्हें दिल्ली के आरएमएल एवं सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। बाकी सभी लोगों को उनके घर भेज दिया गया।” मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश से आए इन लोगों में से केवल कुछ ही लोगों को आइसोलेशन में रखा गया शेष व्यक्ति अपने अपने घर गए।
Virtual Parliament पर सहमति नहीं, छह दिन के लिए बुलाई जा सकती है बैठक
इन 35 हजार लोगो से कोरोना एक से दूसरे व्यक्तियों तक फैला। उस समय न तो यह हमारे पास लैब्स थी न ही टेस्टिंग किट थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके कुछ दिन बाद ही लॉक डाउन हो गया जिसकी वजह से कोरोना कम फैला। लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के फैलने की आशंका थी लेकिन यह हमारी आशंका से भी अधिक तेजी से फैला।
दिल्ली सरकार ने यह स्वीकार किया है कि शुरूआती दौर में अस्पतालों में बेड न होने के कारण लोगों की मौत हुई। इस दौरान दिल्ली में लोगों को चिकित्सीय सहायता लेने के लिए यहां-वहां धक्के खाने पड़े। अस्पताल में बेड उपलब्ध न होने के कारण लोगों को सही समय पर सही उपचार नहीं मिल सका।
Congress Leader Abhishek Manu Singhvi निकले Corona positive, स्टॉफ की रिपोर्ट आई निगेटिव
Delhi में Coronavirus का सितम जारी, 31 जुलाई तक बंद रहेंगे स्कूल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “लोग बेड के लिए यहां-वहां भाग रहे थे। रात रात भर मेरे पास परेशान लोगों के फोन आते थे और मैंने रात रात भर जाग कर लोगों के लिए अस्पतालों में बेड की व्यवस्था कराई। हालांकि अब दिल्ली में हालात बेहतर हैं अभी दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना रोगियों के लिए 13,500 बेड उपलब्ध हैं इनमें से केवल 6000 बेड अभी तक भरे हैं 7500 बेड अभी भी खाली हैं।”