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CJI पर यौन उत्पीड़न केस: SC का फैसला, रिटायर्ड जज एके पटनायक करेंगे जांच

सीजेआई रंजन गोगोई मामले में गुरुवार को फिर हुई सुनवाई
वकील उत्सव बैंस ने सीलबंद लिफाफे में पेश किए सबूत
अटॉर्नी जनरल ने दी केस की जानकारी

 

Apr 25, 2019 / 07:40 pm

Shweta Singh

CJI Ranjan Gogoi Case

CJI यौन उत्पीड़न केस: मामले पर आज फिर हुई सुनवाई, निलंबित कर्मचारी करना चाहते थे प्रेस कॉन्फ्रेंस- AG

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार सीजेआई रंजन गोगोई ( Ranjan Gogoi ) पर लगे कथित यौन उत्पीड़न मामले में फैसला सुनाया है। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है, जिसका नेतृत्व रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक करेंगे। कोर्ट ने जस्टिस पटनायक को पूरे मामले की पड़ताल का जिम्मा सौंपा है। इस जांच में CBI, IB और दिल्ली पुलिस जस्टिस पटनायक को सहयोग करेंगे। यह सभी हलफनामे और सबूतों के आधार पर मामले की जांच आगे बढ़ाएंगे।

आग से खेल रहे हैं साजिशकर्ता

फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह भी साफ किया कि CJI गोगोई पर लगाए आरोप इस जांच की परिधि से बाहर होंगे। जस्टिस पटनायक सिर्फ मामले में हुई साजिश की जांच करके कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपेंगे। वहीं, इस केस के पीछे किसी बड़ी साजिश का इशारा करते हुए अदालत ने चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि साजिश में बड़े और पावरफुल लोग शामिल हो सकते हैं, लेकिन उन्हें यह पता होना चाहिए कि वे आग से खेल रहे हैं

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उत्सव का कोर्ट में अतिरिक्त हलफनामा

इससे पहले सुबह मामले की सुनवाई दोबारा शुरू हुई। कोर्ट ने इस दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। वकील उत्सव बैंस ने इस मामले में शीर्ष अदालत के समक्ष सीलबंद लिफाफे में सबूत पेश किए। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट में अतिरिक्त हलफनामा भी दायर किया। हलफनामा दायर करते हुए उत्सव ने कहा कि वो एक और हलफनामा देकर कोर्ट को बताना चाहते हैं कि इस मामले में कोई जज या उनका रिश्तेदार असर डालने वालों में नहीं है।

वहीं सुनवाई के बारे मेें जानकारी देते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया था कि कोर्ट से निलंबित कर्मचारियों ने वकील से संपर्क किया। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि निलंबित कर्मचारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहते थे। आपको बता दें चीफ जस्टिस के खिलाफ कोर्ट की एक पूर्व महिला ने आरोप लगाए हैं।

बुधवार को तीन अफसरों को कोर्ट ने किया था तलब

इससे पहले बुधवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई थी। वकील बैंस ने कोर्ट में बतौर सबूत सीसीटीवी फुटेज पेश किया। बैंस ने दावा किया है कि कॉरपोरेट लॉबिस्‍ट साजिशन सीजेआई रंजन गोगाई को किसी मामले में फंसाना चाहती है। उत्सव ने सीसीटीवी फूटेज पेश करते हुए कहा कि यह फुटेज ही असली सबूत है। मैं, इसे कोर्ट में पेश कर रहा हूं। इस मामले का ‘मास्टरमाइंड’ बेहद शक्तिशाली है। उत्सव ने शीर्ष अदालत से इस मामले की न्यायिक जांच की भी मांग की। बता दें कि सुप्रीम ने बैंस की ओर से सबूत पेश करने के बाद इस मामले में सीबीआई डायरेक्टर, आईबी चीफ और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को तत्‍काल प्रभाव से कोर्ट में हाजिर होने को कहा था। उनके साथ करीब एक घंटे तक मीटिंग कर कोर्ट ने उन्हें वकील उत्सव बैंस द्वारा पेश किए गए सबूतों की जांच करने को कहा।

कोर्ट ने सबूतों का नहीं किया खुलासा

शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा था कि वकील उत्सव बैंस की ओर से दायर हलफनामा मामले की गंभीरता को दर्शाता है। इसलिए अदालतन CBI डायरेक्टर, आईबी के निदेशक और दिल्ली पुलिस के कमीशनर से मिलने का फैसला किया है। वरिष्‍ठ अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के चैंबर में मिलने को कहा। कोर्ट ने कहा, ‘हम (वकील बैंस द्वारा एक सीलबंद लिफाफे में पेश किए गए) हलफनामे में मौजूद किसी भी चीज का खुलासा नहीं कर रहे हैं। बहुत गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं।

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