बजट सत्र से पहले संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम ( CAA ) लागू करने से राष्ट्रपिता की इच्छा पूरी हुई है।
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कोविंद ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर होने वाले अत्याचारों की भी निंदा की और ‘विश्व समुदाय से इस पर संज्ञान लेने और इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।’
राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार यह स्पष्ट करती है कि जो प्रक्रियाएं पहले सभी धर्मों के लोगों के लिए थीं,
जिन्होंने भारत में विश्वास किया और भारत की नागरिकता लेना चाहते हैं, आज भी वही हैं।
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उन्होंने कहा कि किसी भी पंथ का व्यक्ति इन प्रक्रियाओं को पूरा कर सकता है और भारत का नागरिक बन सकता है। सरकार ने किसी भी क्षेत्र और विशेष रूप से पूर्वोत्तर में शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए कई प्रावधान बनाए हैं। नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों से संबंधित व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है, पिछले साल दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद द्वारा पारित किया गया था।
लोकसभा ने पिछले साल नौ दिसंबर को नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किया, जबकि राज्यसभा ने इसे 12 दिसंबर को पारित किया था।