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इस बीच इन रक्षा सामग्री को तैयार करने वाली सामग्री को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, भारत में फिलहाल ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैकचर्स (OEM) रक्षा उत्पाद एसेंबल करने में चीनी रॉ मटेरियल का प्रयोग होता है। इनमें से कुछ कंपनियों को 2017 में 1 लाख 86 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट्स तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। इन जैकेट्स का निर्माण फिलहाल अंतिम चरण में है। आपको बता दें कि सरकार की ओर जब इन कंपनियों को ऑर्डर मिला था, उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस संबंध में संसद में बयान दिया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि सेना के लिए सुरक्षा उपकरण बनाने में चीन से होने वाले कच्चे माल के आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
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अब चूंकि भारत—चीनी सैनिकों में झड़प के बाद परिस्थितियों में बदलाव आया है तो ऐसे में सरकार पर चीनी उत्पादों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दबाव बढ़ा है। नीति आोग के सदस्य और डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख वीके सारस्वत ने इस संबंध में पुर्नविचार करने का आश्वासन दिया है। सारस्वत ने कहा कि पिछले साल हमने चीनी से होने वाले कच्चे माल के आयात को घटाने का प्रयास किया है। इसकी एक वजह यह भी है कि चीनी सामान की क्वालिटी संदेह के दायरे में आती है। उन्होंने कहा कि हमने पहले से ही कॉन्ट्रैक्ट वाली कंपनियों को चीनी कच्चे माल की क्वालिटी चेक करने को कहा है।