सुप्रीम ने बैंस की ओर से सबूत पेश करने के बाद इस मामले में सीबीआई डायरेक्टर, आईबी चीफ और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को तत्काल प्रभाव से कोर्ट में हाजिर होने को कहा। उनके साथ करीब एक घंटे तक मीटिंग कर कोर्ट ने उन्हें वकील उत्सव बैंस द्वारा पेश किए गए सबूतों की जांच करने को कहा। अब इस मामले में गुरुवार को फिर से सुनवाई की जाएगी। इस दौरान वकील बैंस एक और हलफनामा पेश करेंगे।
वकील बैंस की ओर से सबूत पेश करने के बाद जस्टिस अरुण मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से CBI के निदेशक को बुलाने का निर्देश दिया था। इस मामले में शीर्ष अदालत का कहना है कि वकील उत्सव बैंस की ओर से दायर हलफनामा मामले की गंभीरता को दर्शाता है। इसलिए अदालतन CBI डायरेक्टर, आईबी के निदेशक और दिल्ली पुलिस के कमीशनर से मिलने का फैसला किया है। वरिष्ठ अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के चैंबर में मिलने को कहा। कोर्ट ने कहा, ‘हम (वकील बैंस द्वारा एक सीलबंद लिफाफे में पेश किए गए) हलफनामे में मौजूद किसी भी चीज का खुलासा नहीं कर रहे हैं। बहुत गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं।
उत्सव का दावा- CJI को फंसाया जा रहा है
बता दें कि इससे पहले उत्सव बैंस ने दावा किया था कि चीफ जस्टिस को इस मामले में फंसाने की साजिश रची जा रही है। मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच के सामने इस मामले की सुनवाई हुई थी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में उत्सव बैंस को 24 अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए थे।
फेसबुक पोस्ट में किए थे कई खुलासे
दरअसल, उत्सव बैंस ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन शोषण के आरोप पर एक लंबा फेसबुक पोस्ट लिखा था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि CJI पर लगा आरोप सिर्फ उन्हें बदनाम करने की साजिश है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि वो परेशान होकर अपना पद छोड़ दें और इस्तीफा दे दें। यही नहीं, उन्होंने यहां तक लिखा था कि इस साजिश में शामिल होने के लिए कॉरपोरेट लॉबिस्टों ने उनसे भी संपर्क किया था। इसमें शामिल होने के बदले डेढ़ करोड़ रुपए ऑफर दिया गया था। उन्होंने इस लॉबी की पेशकश को ठुकरा दिया था। अपने फेसबुक पोस्ट में वकील ने यहां तक बताया कि उस वक्त क्या योजना बनाई गई थी। उन्होंने लिखा था, ‘एक युवक ने उन्हें मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने को कहा था। उत्सव ने सोमवार को शीर्ष अदालत में इससे संबंधित एक हलफनामा भी दायर किया है।