बिग ब्रेकिंग- आखिकार चंद्रायन 2 को लेकर आ गई खुशखबरी, ऑर्बिटर को मिल गया..विक्रम तो.. बताया जा रहा है कि ऑर्बिटर का पृथ्वी पर संपर्क बना हुआ है जिसके जरिए नई खोजों की जानकारियां मिल रहीं हैं। हर 29 दिन पर चंद्रमा करीब 6 दिनों के लिए जियोटेल से गुजरता है। चूंकि चंद्रयान 2 चंद्रमा की कक्षा में है इसलिए इसे भी यह मौका हासिल हुआ और इस दौरान इसमें लगे उपकरणों ने जियोटेल के गुणों का अध्ययन किया।
इसरो ने बताया कि हमारे सोलर सिस्टम में सूर्य से इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन लगातार निकलता है जिसे ‘सोलर विंड’ कहते हैं। सोलर विंड प्लाज्मा में चार्ज पार्टिकल्स होते हैं जो सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र में मौजूद होते हैं। इनकी गति सैंकड़ों किमी प्रति सेकेंड होती है। पृथ्वी, चंद्रमा व सोलर सिस्टम के तत्वों के साथ इनका परस्पर तालमेल होता रहता है।
ISRO को मिली सबसे बड़ी खुशखबरी, चांद के दक्षिण ध्रुव पर हो रही है हलचल, कुछ घंटों में मिलेगी सबसे बड़ी कामयाबी ISRO ने ट्वीट कर बताया कि सितंबर माह में जियोटेल से गुजरने के दौरान चंद्रयान 2 ऑर्बिटर पेलोड ने चार्ज पार्टिकल्स को ढूंढ निकाला। साथ इन पार्टिकल्स की तीव्रता का भी पता लगाया है। बता दें कि इसरो ने चंद्रयान 2 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा था। इस मिशन में चंद्रयान 2 आर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ गया था।
बड़ी खबरः चंद्रयान-2 को लेकर सामने आई बड़ी जानकारी, ऑर्बिटर ने कर दिया बड़ा खुलासा लेकिन लैंडर से संपर्क टूट जाने के कारण मिशन अधूरा रह गया हालांकि ऑर्बिटर अपना काम बखूबी कर रहा है। हालांकि, अब तक विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित नहीं हो सका है। कल के बाद चांद पर दिन होने लगा है, लिहाजा उम्मीद है कि विक्रम लैंडर एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है।