नई दिल्ली। बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान 2 को लेकर अब तक लोगों में उम्मीदें बरकरार है। नासा का LRO ने एक बार फिर उस जगह की तस्वीरें खींची हैं, जहां विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी। फिलहाल, उस तस्वीर का विश्लेषण किया जा रहा है। लेकिन, इसी बीच इसरो ने मिशन चंद्रयान 2 को लेकर करवा चौथ पर बड़ी खुशखबरी दी है। चंद्रयान 2 के पेलोड इमेजिंग इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर (आईआईआरएस) ने चांद की सहत की चमकदार तस्वीर ली है।
इसरो ने ट्वीटर पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि इस स्पेक्ट्रोमीटर को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे वह चंद्रमा की सतह से परावर्तित होने वाले सूर्य के प्रकाश को माप सके और चांद की सतह पर मौजूद खनिजों का पता लगा सके। तस्वीर में चांद की सतह पर कुछ महत्वपूर्ण समरफील्ड, स्टेबिंस और किर्कवुड गड्ढे नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि तस्वीर का आकल जिस तरह से अध्ययन किया जा रहा है उनके अलग-अलग नाम दिए गए हैं। जैसे गड्ढे का मध्यवर्ती स्थान (स्टेबिंस), गड्ढे की सतह (स्टेबिंस और समरफील्ड), बडे़ गड्ढे के भीतर बने छोटे गड्ढे (समरफील्ड) और गड्ढों के अंदरूनी घेरा(किर्कवुड)। इन्हीं गड्ढों पर पड़ी रोशनी और उसके अलग-अलग रंगों के परावर्तन से सतह का शुरुआती आकलन किया गया है।
इससे पहले 4 अक्तूबर को इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर पर लगे हाई रिजोल्यूशन कैमरे से ली गई तस्वीर जारी की थी। हालांकि, वह स्पष्ट नहीं थी। चंद्रयान-2 को सात सितंबर को चांद के दक्षिणी सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन आखिरी क्षणों में इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया।
हालांकि, चांद के आसमान में चक्कर लगा रहे चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर मुस्तैदी से काम कर रहा है। इसरो ने साफ किया था कि शुरुआती आंकड़ों के अनुसार हमारे मिशन में सिर्फ 2 फीसदी की ही कमी थी, 98 फीसदी मिशन सफल रहा है। उसी के आधार पर ही इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने लोगों से यह बात कही थी।