250 वैज्ञानिकों की निगरानी में चंद्रयान -2 ने उम्मीदों की उड़ान भरी।
आपको बता दें कि चांद और पृथ्वी के बीच में 3,84,000 किमी की दूरी है। इस दूरी को पूरा करने में कुल 48 दिन लगेंगे। तकरीबन डेढ़ महीने बाद यानी 6 से 8 सितंबर के बीच चंद्रयान-2 चांद पर दस्तक देगा।
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इसरोः उम्मीद से अच्छी लॉन्चिंग रही चंद्रयान लॉन्चिंग के ठीक 16 मिनट बाद पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया। ISRO ने चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग के बाद कहा कि यह लॉन्चिंग हमारी उम्मीद से काफी बेहतर रही। यह भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। कई वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत से यह सफलता मिली है।दोनों सदन में दी गई बधाई
चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के वैज्ञानिकों को बधाई दी। पीएम ने लिखा स्वदेशी मिशन के लिए ISRO को ढेर सारी बधाई। चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग पर हर भारतीय को गर्व है।
मिशन मून से चांद की नई जानकारी मिलेगी। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुप की जांच में मदद करेगा।
इसके साथ लोक सभा और राज्य सभा दोनों सदनों में मेज थप-थपा कर चंद्रयान 2 की सफल लॉन्चिंग पर बधाई दी गई। उपराष्ट्रपति वेंकैया नाडयू ने वैज्ञानिकों को कड़ी मेहनत के सफल परिणाम के लिए शुभकामनाएं दीं।
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत सांसदों ने लोक सभा में इसरो को ऐतिहासिक उड़ान के लिए बधाई दी।
रोमांच, रफ्तार और इतिहास रचने का वो पल आखिरकार आ ही गया, जिसका देश ही नहीं पूरी दुनिया को इंतजार था। देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से इसरो ने दूसरा मून मिशन लॉन्च किया।– अभियान से चांद की सतह का नक्शा तैयार करने में भी मदद
– चांद की मिट्टी में कौन-कौन से खनिज हैं और कितनी मात्रा में हैं इसका पता
– हमारी सौर व्यवस्था को समझने और पृथ्वी के विकासक्रम को जानने में भी मददगार
– चंद्रयान-2 के लिए पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार चक्कर में बदलाव किया है, एपोजी में 60.4 किमी का अंतर आ गया है।
– इसके साथ ही ISRO ने पृथ्वी के ऑर्बिट में जाने का समय करीब एक मिनट बढ़ा दिया गया है।
– चंद्रयान-2 की वेलोसिटी में 1.12 मीटर प्रति सेकंड का इजाफा किया गया है।