इसरो ने कहाकि लैंडर से संपर्क करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।
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इसरो ने हालांकि यह नहीं बताया कि चांद की सतह पर लैंडर इस समय किसी स्थिति में है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने मून लैंडर के सात सितंबर तड़के अपने वास्तविक मार्ग से भटकने और उससे संपर्क टूटने के कारण पर अभी तक कुछ नहीं कहा।
आपको बता दें कि चंद्रयान-1 ने जहां चंद्रमा पर पानी की खोज की थी, वहीं चंद्रयान 2 को न केवल पानी की मात्रा और स्थिति का पता लगाना है, बल्कि चंद्रमा में हीलियम-3 की उपलब्धता की जानकारी जुटानी है।
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दरअसल, धरती पर पर हीलियम-3 बहुत कम मात्रा में उपलब्ध है। नासा के अनुसार चंद्रमा पर हीलियम-3 का प्रचुर भंडार है।
इसको लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हम चंद्रमा से धरती पर हीलियम-3 ले आते हैं तो पूरी दुनिया में ऊर्जा की कमी पूरी हो जाएगी।
इस हीलियम-3 का इस्तेमाल धरती ऊर्जा पैदा करने में किया जा सकता है।