इस सवाल पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जवाब देते हुए कहा कि, फिलहाल केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी करवाने की कोई मंशा नहीं है। इसको लेकर अब तक कोई फैसला भी नहीं लिया गया है।
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Delhi: सिद्धू की ताजपोशी के बाद पहली बार सोनिया से मिलेंगे कैप्टन, बड़े बदलाव की तैयारी लोकसभा में मंगलवार को एनआरसी के मुद्दे पर एक बड़ी खबर सामने आई। सांसद रक्षा निखिल खड़से के सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि अब तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी करवाने का कोई निर्णय नहीं लिया है।
दरअसल केंद्र सरकार पर एनआरसी के मुद्दे को लेकर कई सवाल भी उठते रहे हैं। खास बात यह है कि इस अहम मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी हाल में बयान दे चुके हैं।
उन्होंने असम के अपने दौरे पर ये साफ किया था कि, CAA और NRC का हिंदू-मुसलमान विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है। भागवत ने इसे सांप्रदायिक रंग देने की भी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि, कुछ लोग अपने राजनीतिक हित साधने के लिए इन दोनों मामलों को साम्प्रदायिक रंग दे रहे हैं। यही नहीं भागवत ने ये भी कहा था कि इस नागरिकता कानून की वजह से किसी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा।
भागवत ने ‘सिटिजनशिप डिबेट ओवर एनआरसी एंड सीएए-असम एंड द पॉलिटिक्स ऑफ हिस्ट्री’ शीर्षक वाली पुस्तक के विमोचन के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी थी। भागवत ने कहा था कि, स्वतंत्रता के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि अल्पसंख्यकों का ध्यान रखा जाएगा और अब तक ऐसा ही किया गया है।
उन्होंने कहा कि, हम भी ऐसा करना जारी रखेंगे। सीएए के कारण किसी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा।
RSS प्रमुख ने NRC के बारे में कहा कि सभी देशों को यह जानने का अधिकार है कि उनके नागरिक कौन हैं। उन्होंने कहा था कि यह मामला राजनीतिक क्षेत्र में है क्योंकि इसमें सरकार शामिल है।
लोगों का एक वर्ग इन दोनों मामलों को सांप्रदायिक रूप देकर राजनीतिक हित साधना चाहता है।
यह भी पढ़ेंः राहुल गांधी की गैरमौजूदगी में कपिल सिब्बल ने उठाया बड़ा कदम, बीजेपी खेमे में भी मचा हड़कंप सीएए पर 2022 जनवरी तक का मांगा समयबता दें कि हाल में संसद के मौजूदा मानसून सत्र में ही नागरिकता संशोधन एक्ट ( सीएए ) को लेकर सरकार ने अभी नियम तैयार नहीं होने की बात कही है। सरकार ने नियम तैयार करने के लिए छह महीने यानी 9 जनवरी, 2022 तक का समय मांगा है।