विविध भारत

CBI की विशेष अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा को विदेश जाने की इजाजत दी

सीबीआई कोर्ट ने वाड्रा को अमरीका-नीदरलैंड जाने की दी अनुमति
रॉबर्ट वाड्रा ने इलाज के लिए लंदन जाने की भी मांगी थी इजाजत
सीबीआई अदालत ने केवल अमरीका और नीदरलैंड जाने की दी इजाजत

Jun 03, 2019 / 06:26 pm

Dhirendra

must know why Yadav Singh was called by CBI

नई दिल्‍ली। यूपीए अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को इलाज कराने के लिए विदेश जाने की इजाजत मिल गई है। दिल्‍ली सीबीआई की विशेष अदालत ने वाड्रा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें विदेश जाने की अनुमति दी है। अदालत ने उनके विदेश जाने पर लगी रोक 6 सप्‍ताह तक निलंबित रखने का निर्देश दिया है।
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लंदन नहीं जा पाएंगे वाड्रा

सीबीआई की विशेष अदालत ने कोर्ट के आदेश के मुताबिक वाड्रा को लंदन जाने की इजाजत नहीं दी है। वाड्रा को केवल अमरीका और नीदरलैंड जाने की इजाजत दी है। अदालत के इस रुख के बाद वाड्रा ने लंदन जाने के लिए दायर अनुरोध को वापस ले लिया। बता दें कि वाड्रा ने 29 मई को इलाज कराने के लिए कोर्ट से लंदन जाने की अनुमति मांगी थी।
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ईडी ने किया विरोध

ईडी ने वाड्रा की इस याचिका का विरोध करते हुए इस बात की भी आशंका जताई कि वह देश छोड़कर भाग सकते हैं। पिछले दिनों ईडी ने कोर्ट में कहा था कि कि वाड्रा के खिलाफ जांच आखिरी मुकाम पर है। उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत पड़ेगी। इसलिए उन्हें विदेश जाने की मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए।
सोमवार को सीबीआई अदालत में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि वो विदेश में जमा काले धन को ठिकाने लगाने के लिए जा रहे हैं। विदेश जाने के लिए वाड्रा इलाज का बहाना बना रहे हैं।
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ट्यूमर का इलाज कराने के लिए मांगी अनुमति

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी रॉबर्ट वाड्रा ने अदालत को बताया था कि उनकी बड़ी आंत में ट्यूमर है। इसका इलाज कराने के लिए उन्‍हें ब्रिटेन और दो अन्य देश जाने की अनुमति दी जाए। वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कोर्ट से कहा कि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक उनकी बड़ी आंत में एक छोटा ट्यूमर है। वो सेकेंड ओपिनियन के लिए लंदन जाना चाहते हैं।
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जांच में सहयोग कर रहे हैं वाड्रा

वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में हमेशा सहयोग करते रहे हैं। वह लंदन में अपनी मां का इलाज करा रहे थे। उसी दौरान उन्हें ईडी की कार्रवाई के बारे में पता चला।
वह बिना किसी वारंट या समन के भारत वापस आए और ईडी के सामने पेश हुए। ऐसे में ईडी को उनके भाग जाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि वाड्रा आगे भी जांच में सहयोग करते रहेंगे।
 

 

vadra
आखिर मामला क्या है?

दरअसल, राजस्‍थान के बीकानेर जिले के कोलायात में एक लैंड डील से हुई थी, जिसमें कथित रूप से कमीशन की बातें उभरकर सामने आई थीं। इस डील में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्‍काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने पहले जमीन खरीदी थी और फिर सात गुना अधिक दामों में दिल्‍ली स्थित एलेजेनी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी थी।
इसके तार एक कंपनी ‘भूषण पावर’ से भी जुड़े बताए जा रहे हैं, जिसने 2011-12 में एलेजेनी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड को 5.64 करोड़ का लोन दिया था।

आरोप है कि इसी लोन के पैसे से बीकानेर स्थित वो जमीन खरीदी गई। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक स्काईलाइट ने 72 लाख रुपए में 69.55 हेक्टेयर जमीन खरीदी और इसे एलेजेनी फिनलीज को करीब 5.15 करोड़ रुपए में बेचा। इस तरह उन्होंने 4.43 करोड़ रुपए का फायदा कमाया।
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इस जमीन को लेकर बवाल इसलिए भी मचा है कि यह जमीन आर्मी की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की वजह से विस्थापित होने वाले लोगों को बांटी जानी थी। यही वजह है कि इस मामले में ईडी रक्षा सौदे में कमीशन लेने का मामला दर्ज कर के जांच कर रहा है।
इस मामले में सबसे पहले स्थानीय तहसीलदार की ओर से फर्जीवाड़े की शिकायत की गई थी, जिसके बाद प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 2015 में ईडी ने इस मामले में वाड्रा के खिलाफ क्रिमिनल केस दायर किया था।
 

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