पीएम जॉनसन ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए कम से कम फरवरी के मध्य तक नया नेशनल लॉकडाउन लगाया है ताकि नए स्ट्रेन को रोका जा सके।
कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में एक और बीमारी से बढ़ा खतरा, कई राज्यों में जारी किया गया अलर्ट एक तरफ ब्रिटेन में कोरोना की वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया गया है तो दूसरी तरफ लॉकडाउन का ऐलान कर इस जंग के जरिए कोरोना के नए स्ट्रेन को मात देने की तैयारी की जा रही है।
बोरिस जॉनसन ने सोमवार देर रात देश को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारे लिए कठिन समय है। देशभर में कोरोना के नए मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। यही वजह है कि कोरोना के नए खतरे से निपटने के लिए फिलहाल, ब्रिटेन में स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद रहेंगे।
क्लासेस ऑनलाइन ही चलेंगी। विश्वविद्यालय के छात्र कम से कम फरवरी के मध्य तक कैम्पस वापस नहीं लौटेंगे। लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों में ही रहना होगा और सिर्फ जरूरी काम से ही निकलने की इजाजत होगी।
इन सर्विसेज को भी रखा गया बंद
पीएम जोनसन के मुताबिक सभी गैर-जरूरी दुकानें और हेयरड्रेसर जैसी पर्सनल केयर सर्विस बंद रहेंगी। वहीं रेस्तरां केवल टेकआउट सेवाएं मुहैया कराएंगे। आपको बता दें कि सोमवार तक इंग्लैंड के अस्पतालों में 26,626 मरीज थे। यह पिछले सप्ताह की तुलना में 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुके हैं। इस मौसम में यह पहली लहर के उच्चतम स्तर से 40 फीसदी से भी ज्यादा है।
दबाव में अस्पताल
पीएम जॉनसन ने कहा कि लोगों को एक बार फिर से घर पर रहना होगा। जैसा पिछले वर्ष मार्च में महामारी की पहली लहर को दौरान किया गया था। क्योंकि इस समय नया वायरस काफी खतरनाक तरीके से फैल रहा है। हमारे अस्पताल कोरोना के नए वायरस की वजह से बहुत अधिक दबाव में हैं।
दो वैक्सीनों को एक साथ मंजूरी देने वाला पहला राज्य बना भारत, जानिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड में कौनसी है बेहतर और क्या है अंतर यहां पहले ही लग चुका लॉकडाउनआपको बता दें कि इंग्लैंड के लिए घोषणा पहले ही स्कॉटलैंड में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। वेल्स और उत्तरी आयरलैंड, यूनाइटेड किंगडम के अन्य दो राष्ट्र पहले से ही लॉकडाउन में थे।