दोनों देशों के मिलिट्री कमांडर्स इस बात पर सहमत हुए कि पूर्वी लद्दाख ( East Ladkh ) में जारी सीमा विवाद का हल शांतिपूर्वक और द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर समाधान जल्द निकाला जाएगा। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि मसले का जल्द हल निकलने से रिश्ते आगे बढ़ेंगे। शांतिपूर्ण समाधान निकलने तक चीन से मिलिट्री और डिप्लोमेटिक लेवल ( Diplomatic Level ) पर बातचीत चलती रहेगी।
कोरोना संकट तक केजरीवाल सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का होगा इलाज लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों की ओर से भारी संख्या में तैनात सैनिकों को वापस बुलाने पर कोई फैसला हुआ या नहीं, इस पर विदेश मंत्रालय ने कुछ नहीं कहा। माना यही जा रहा है कि अगले दौर की बातचीत में तनाव कम करने की एक रूपरेखा तैयार हो सकती है।
लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत से पहले स्थानीय कमांडरों के स्तर पर दोनों सेनाओं के बीच 12 और 3 बार मेजर जनरल लेवल पर भी बातचीत हो चुकी थी। कई दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकलने के बाद इतने बड़े स्तर पर बातचीत का फैसला हुआ।
अमित शाह की वर्चुअल रैली का राबड़ी देवी ने किया विरोध, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं संग बजाई थाली बता दें कि पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में 5 और 6 मई को दोनों देशों के करीब 250 सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। 9 मई को उत्तरी सिक्किम ( North Sikkim ) में भी इसी तरह की घटना हुई थी। उसके बाद चीन के सैनिकों ने लद्दाख में कई प्वाइंट्स आक्रामक रुख अपनाया जिसका जवाब भारत को देना पड़ा। उसके बाद से सीमा पर तनाव बरकरार है।