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कोरोना से उबरने के बाद गल रही हड्डियां, मुंबई में 3 केस मिलने से बढ़ी चिंता

कोरोना से ठीक होने के बाद गल रहीं हड्डियां, Bone Death के मामलों ने बढ़ाई डॉक्टरों की चिंता, मुंबई में मिले तीनों मामलों में मरीजों की उम्र 40 से कम

Jul 05, 2021 / 03:14 pm

धीरज शर्मा

Bones Death Cases after recovering from Coronavirus three cases found in mumbai

Bones Death Cases after recovering from Coronavirus three cases found in mumbai

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) की दूसरी लहर से भले ही भारत उबर रहा है, लेकिन इस बीच चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी फंगस तो कभी डेल्टा वेरिएंट का खतरा, अब इन सबके बीच एक और बड़ी परेशानी सामने आई है।
अब एवैस्कुलर नेक्रोसिस ( Avascular necrosis- AVN ) यानी बोन डेथ ( Bone Death ) के कुछ मामले पाए गए हैं। एवैस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों ने सभी की चिंता बढ़ा दी है।

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क्या होता है एवैस्कुलर नेक्रोसिस
एवैस्कुलर नेक्रोसिस में हड्डियां गलने लगती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बोन टिशू तक ब्लड ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाता।

मुंबई में अब तक तीन मामले
डेल्टा की तरह एवैस्कुलर नेक्रोसिस को लेकर भी महाराष्ट्र ने ही चिंता बढ़ाई है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में अब तक एवैस्कुलर नेक्रोसिस के कम से कम तीन मामले पाए गए हैं। डॉक्टरों की आशंका है कि अगले कुछ समय में यह मामले और बढ़ सकते हैं।
ये है एवैस्कुलर नेक्रोसिस की वजह
जिस तरह कोरोना के इलाज दौरान ब्लैक फंगस के मामले की वजह स्टेरॉयड्स को बताया गया था, उसी तरह एवैस्कुलर नेक्रोसिस की भी प्रमुख वजह स्टेरॉयड्स को ही बताया जा रहा है।
दरअसल मेडिकल जर्नल बीएमजे केस स्टडीज में इस बीमारी पर ‘एवैस्कुलर नेक्रोसिस ए पार्ट ऑफ लॉन्ग कोविड-19’ शीर्षक से एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन के मुताबिक कोरोना वायरस से बचाने के लिए जीवन रक्षक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने के कारण एवैस्कुलर नेक्रोसिस मामलों में बढ़ोतरी होगी।
युवाओं में दिखे ज्यादा मामले
अंग्रेजी न्यूज पेपर टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एवैस्कुलर नेक्रोसिस के ज्यादा मामले युवाओं में देखने को मिल रहे हैं। मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में 40 साल की उम्र से कम के तीन मरीजों का इलाज किया गया।
खास बात यह है कि ये यह मामले मरीजों के कोविड से उबरने के बाद सामने आए।

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फीमर बोन की शिकायत
जिन तीन मरीजों का हिंदुजा अस्पताल में इलाज किया गया। उन्हें फीम बोन यानी जांघ की हड्डी के ऊपरी हिस्से में दर्द की शिकायत थी। हिंदुसा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ संजय अग्रवाल के मुताबिक, ‘ तीनों मरीज डॉक्टर थे इसलिए उन्हें लक्षण पहचानने में आसानी हुई, ऐसे में वह तुरंत इलाज के लिए आए।’
सरकार अलर्ट
एवैस्कुलर नेक्रोसिस के बढ़ते खतरे के बीच राज्य सरकार भी अलर्ट है। राज्य सरकार की टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर राहुल पंडित ने कहा कि एवैस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों पर उनकी नजर है।

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