नौकरी में 13 और शिक्षण संस्थानों में 12 फीसदी करें
हाईकोर्ट ने कहा कि हम आरक्षण नीति को लागू करने का आदेश तो दे रहे हैं लेकिन मराठा समुदाय ( Maratha reservation ) के लिए 16 फीसदी आरक्षण न्यायसंगत नहीं है। इसे 16 प्रतिशत से घटाकर 12 या 13 प्रतिशत करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए लेकिन कुछ मामलों में पिछड़ा आयोग फैसला ले सकता है।
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पिछले साल पारित हुआ था आरक्षण देने वाला विधेयक
पिछले साल 29 नवंबर को महाराष्ट्र की विधानसभा में मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में 16 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक पारित हुआ था। राज्य में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) श्रेणी के तहत मराठाओं को 16 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव था।
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महाराष्ट्र की राजनीति तय करता है मराठा समुदाय
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय की आबादी 30 फीसदी से ज्यादा है। राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए आए इस विधेयक को बिना किसी चर्चा दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया था। जो चुनावी साल में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धि को अंकित करता है।
पिछली सरकार में भी आया था प्रस्ताव
पिछली कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने भी इसकी प्रकार से 16 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव दिया था, जिस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।