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वहीं दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन की मानें तो दिल्ली की बिजली आपूर्ति दादरी, बदरपुर और झज्जर के तीन विद्युत संयंत्रों से होती है। अब इन तीनों ही संयंत्रों के पास बामुश्किल एक से दो दिन का कोयला स्टॉक बचा हुआ है। जैन के अनुसार उन्होंने इस बिजली संकट से निपटने के लिए केंद्रीय कोयला मंत्री आरके सिंह को एक पत्र लिखा है। ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि ये तीनों विद्युत संयंत्र 2,426 मेगावाट बिजली का उत्पादन करते हैं। नियमानुसार एक बिजली संंयंत्र के पास आपातकालीन कोयला स्टॉक भी कम से कम 15 दिन का होना चाहिए।
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क्यों नहीं आ रहा कोयला
ऊर्जा मंत्री जैन के मुताबिक इस संकट के पीछे सबसे बड़ा कारण कोयला लाने के लिये रेलवे से रैक न मिल पाना है। उन्होंने कहा कि अबर जल्दी ही केंद्र सरकार की ओर से कोयले की व्यवस्था नहीं की गई तो दिल्ली में बिजली का बड़ा संकट खड़ा हो सकता है यहां तक कि ब्लैक आउस जैसी स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली में रोजना 6500 मेगावाट बिजली आपूर्ति की आवश्यक्ता होती है, जिसमें से आधी सप्लाई इन तीनों विद्युत संयंत्रों से ही होती है।