ड्रग्स पैडलर्स तक पहुंचना मुश्किल अगर ये बाद सही है तो फिर ड्रग्स पैडलर्स तक एनसीबी टीम का पहुंचना लगभग मुश्किल है। ऐसा इसलिए कि डार्कनेट पर फेक आईडी के जरिए सारा कारोबार होता है। बता दें कि रिया चक्रवर्ती के कुछ व्हाट्सएप चैट सामने आए हैं जहां से ड्रग्स खरीदने की चर्चा सामने आई थी।
दूसरी तरफ सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच कर रही CBI की टीम लगातार तीसरे दिन रिया से पूछताछ कर रही है। साथ ही सीबीआई ने इस मामले में आज गौरव आर्या, सुशांत की बहन मीतू सिंह, उनके जीजा, सैमुअल मिरांडा को समन जारी किया है।
Mann Ki Baat में पीएम मोदी बोले – अब खिलौनों के कारोबार में लोकल से वोकल होने का समय CBI की जांच टीम ने रिया से पिछले दो दिनों में 17 तक पूछाताछ कर चुकी है। सीबीआई ने यह पूछताछ मुंबई के DRDO स्थित गेस्ट हाउस में की है। जांच एजेंसी की टीम इसी गेस्ट हाउस में ठहरी है।
क्या है डार्कनेट दरअसल, डार्कनेट को जुर्म की दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म माना जाता है। इस प्लेटफॉर्म पर ड्रग्स, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग समेत किसी भी वारदात के लिए सामान मिलता है। जुर्म की दुनिया में सिर्फ 4% लोग ही इंटरनेट के स्पेस का इस्तेमाल करते है। 94% मामलों में स्पेस डार्कनेट या डीप डार्कनेट में इस्तेमाल होता है। डार्कनेट ( Darknet ) के जरिए फेक आईडी तैयार करके किसी भी तरह ने जुर्म के टूल्स को मंगाया जा सकता है। इसमें आईडी फ़र्ज़ी होने की वजह से आरोपी तक पहुंचना बेहद मुश्किल होता है।