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मंत्रालय ने बाबा रामदेव की कंपनी से दवा के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। पूछा है कि उस हास्पिटल और साइट के बारे में भी बताएं, जहां इसकी रिसर्च हुई। वहीं उत्तराखंड सरकार से इस आयुर्वेदिक दवा के लाइसेंस आदि के बारे में जानकारी मांगी है। आयुष मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार की ओर से कोविड 19 के उपचार के लिए तैयार दवाओं के बारे मे उसे मीडिया से जानकारी मिली। दवा से जुड़े वैज्ञानिक दावे के अध्ययन और विवरण के बारे में मंत्रालय को कुछ जानकारी नहीं है।
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आयुष मंत्रालय ने कहा कि संबंधित आयुर्वेदिक दवा निर्माण कंपनी से कहा गया है कि दवाओं के ऐसे विज्ञापनों को ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज(आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के प्रावधानों के तहत जांच-परखकर जारी किया जाता है। केंद्र सरकार ने 21 अप्रैल 2020 को एक अधिसूचना जारी कर बताया था कि आयुष मंत्रालय की निगरानी में किस तरह से दवाओं पर रिसर्च किया जा सकता है।