अटल जी, दिलों में जिंदा रहेंगे: मोदी
वायपेयी को समर्पित एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा, ‘ अटल जी, आप हर भारतीय के दिल और दिमाग में जिंदा रहेंगे। हमारे देश के निर्माण के प्रति आपके समृद्ध योगदान को कभी भी शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है।
राष्ट्रपति कोविंद बोले- मेरी निजी क्षति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति में नवचेतना का संचारक करार देते हुए कहा है कि वाजपेयी का निधन उनके लिए ‘निजी क्षति’ भी है। कोविंद ने वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य को आज भेजे एक शोक संदेश में कहा है, ‘इस दुखद घड़ी में मेरी हार्दिक संवेदनाएं आपके और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हैं। अटल जी का निधन आपकी एवं परिवार के अन्य सदस्यों के लिए निश्चित तौर पर निजी क्षति तो है ही, यह मेरे लिए भी निजी क्षति है।
बेटी नमिता ने दी अटल जी को मुखाग्नि
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी जी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। दिल्ली के स्मृति स्थल पर उनकी बेटी नमिता ने मुखाग्नि दी। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। तीनों सेना अध्यक्षों ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। लालकृष्ण आडवाणी भूटान के नरेश खेसर, नेपाल के विदेश मंत्री, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
शवयात्रा में पैदल शामिल हुए पीएम मोदी और शाह
अटल जी की अंतिम यात्रा में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए यमुना नदी किनारे स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल ले जाए जाने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह हजारों की संख्या में उमड़े जनसमूह के साथ शामिल हुए। स्मृति स्थल के लिए यात्रा दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित बीजेपी मुख्यालय से करीब दो बजे शुरू हुई। मोदी और शाह तिरंगे में लिपटे और फूलों से ढके वाहन में रखे वाजपेयी के पार्थिव शरीर के पीछे चल रहे थे।
‘जब तक सूरज चंद रहेगा, अटलजी का नाम रहेगा’
देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों ने तीन किलोमीटर की यात्रा के दौरान नम आंखों के साथ ताबूत में रखे वाजपेयी के पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए। इस दौरान ‘अटल जी अमर रहें’ ‘जब तक सूरज चंद रहेगा, अटलजी का नाम रहेगा’, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे नारे गूंजते रहे। कुछ लोग वाजपेयी द्वारा लिखी गई कविताओं की पंक्तियों वाले बैनर थामे चल रहे थे।