असर सरकार ने आइसोलेशन ( Isolation ) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। दरअसल सरकार ने 72 घंटे के अंदर वापस जाने वालों के लिए आइसोलेशन की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। यानी अब अगर कोई बाहरी राज्य से असम में आता है और 72 घंटे के अंदर वापस चला जाता है उसे आइसोलेशन में रहने की जरूरत नहीं होगी।
कृष्ण जन्माष्टमी पर छाया कान्हा का ये भजन, सोशल मीडिया पर जमकर मचा रहा धूम, सुनते झूम उठते हैं भक्त असम सरकार ने कहा कि विदेश से राज्य में आने वाला कोई यात्री अगर 72 घंटे के अंदर जाना चाहता है तो उस पर आइसोलेशन की अनिवार्यता का नियम लागू नहीं होगा। हालांकि ये उसी शख्स के सुविधा होगी जो एयरपोर्ट ( Airport )पर होने वाले रैपिड एंटीजन टेस्ट ( RAT ) में निगेटिव पाया जाता है।
दरअसल केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी हवाई यात्रियों ( Air Traveller ) को लेकर आइसोलेशन के नियम बनाए हैं। जिसके तहत विदेशों से आने वाले यात्रियों को 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होता है। इसका खर्च भी विदेश से आने वाला यात्री खुद ही वहन करते हैं।
इस बीच असम के स्वास्थ्य विभाग ( Health Department ) के प्रधान सचिव समीर सिन्हा ने कहा है कि एक आदेश में गाइडलाइन में थोड़ा बदलाव किया गया है। इसके तहत यात्री को अपने वापसी टिकट की प्रति मुहैया करानी होगी, जिसमें उसके 72 घंटे में वापस जाने की जानकारी दी गई हो।
यही नहीं एयरपोर्ट पर उसे RAT जांच के लिए अपना नमूना देना होगा। अगर उसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उसे राज्य से बाहर जाने की इजाजत होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो यात्री को आइसोलेशन पीरियड पूरा करना होगा।
यात्री में संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो फिर यात्री को कोविड-19 के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेशन या इलाज के लिए जाना होगा। दरअसल इस सरकारी आदेश में कहा गया है कि बिना लक्षण वाले यात्रियों को भी RAT जांच में निगेटिव पाए जाने के बावजूद RT-PCR टेस्ट कराना होगा।
जम्मू-कश्मीर में एक और बीजेपी नेता की हत्या, सुबह सैर पर निकले अब्दुल हमीद पर आतंकियों ने बरसाईं ताबड़तोड़ गोलियां, अस्पताल में इलाज के दौरान मौत तो होगी कार्रवाईइस दौरान जांच रिपोर्ट आने तक यात्रियों को आइसोलेशन में रहना होगा। इसमें कहा गया है कि कोई भी हवाई यात्री 72 घंटे की समय सीमा का उल्लंघन करता है तो उसे दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा।