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क्या लिखा है खत्म में?
दिल्ली के सीएम ने 9 जुलाई को लिखे पत्र में कहा, ‘मैं आपको फिर से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को पूर्णत: लागू करवाने का आग्रह करता हूं। गृह मंत्रालय के पास सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की व्याख्या करने का अधिकार नहीं है। अगर आपको कोई भी भ्रम है, आप स्पष्टीकरण के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख करें और कृपया न्यायालय के फैसले का उल्लंघन न करें।’
केजरीवाल आगे लिखा कि उपराज्यपाल फाइल्स और आदेश के एक भाग को मानने के लिए तैयार हैं, लेकिर उस भाग को लागू नहीं कर रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार की कार्यकारी शक्तियां केवल तीन विषयों तक ही सीमित हैं।
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अरविंद केजरीवाल ने पत्र में लिखा कि आप फैसले को अपनी पसंद-नापसंद के हिसाब से स्वीकार कैसे कर सकते हैं? या तो आप एक पक्ष लें कि सभी मामले अब एक नियमित खंडपीठ के समक्ष रखी जाएगी और इसलिए आप आदेश के किसी भी भाग को लागू नहीं करेंगे या नहीं तो आपको पूरे आदेश को स्वीकार करना चाहिए और लागू करना चाहिए। उन्होंने लिखा कि आप यह कैसे कह सकते हैं कि आप आदेश के इस खास भाग को स्वीकार करेंगे और किसी अन्य भाग को स्वीकार नहीं करेंगे।