तस्वीरों में देखिए कितनी तेजी से चश्मे बदलते हैं अरविंद केजरीवाल
आशुतोष ने छोड़ा केजरीवाल का साथ
स्वतंत्रता दिवस के दिन आप के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नेता आशुतोष ने खुद को आम आदमी पार्टी से आजाद कर दिया। उन्होंने बुधवार को सुबह-सुबह ट्वीट कर पार्टी से इस्तीफे की जानकारी दी। आम नेता ने ट्वीट कर लिखा कि हर सफर का कहीं ना कहीं अंत होता है और आज आम आदमी पार्टी के साथ मेरा शानदार और क्रांतिकारी सफर खत्म हुआ। इसी के साथ उन्होंने अपने इस्तीफे का भी ऐलान किया।
आशुतोष ने ट्वीट में आगे लिखा, ‘मैंने पार्टी की पार्लियामेंट्री अफेयर्स कमेटी (पीएसी) को अपना इस्तीफा भेज दिया है। साथ ही पीएसी से गुजारिश की है वह उनके इस्तीफे को तुरंत स्वीकार कर ले। वहीं, आप प्रवक्ता के इस्तीफे को नामंजूर करते हुए ट्वीट किया कि हम आपका इस्तीफा कैसे स्वीकार सर सकते हैं, इस जनम में तो ये कभी नहीं होगा।
कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर लगाए आरोप
कभी केजरीवाल के साथ कंधे से कंधा मिला कर पार्टी को चलाने वाले आप के पूर्व विधायक और नेता कपिल मिश्रा ने भी उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर साथ छोड़ दिया था। कपिल मिश्रा ने दिल्ली सीएम केजीरवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि 10 हजार गाड़ियों में नकली CNG किट लगाई गई है। ये गाड़ियां कभी भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती हैं। बता दें कि इस संबंध में मिश्रा ने आप नेता सत्येंद्र जैन और मुख्यमंत्री केजरीवाल के ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के सबूत लोकायुक्त को सौंपे।
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योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने छोड़ा साथ
साल 2015 में सत्ता में आने के कुछ दिन बात ही आम आमदी पार्टी टूटती नजह आई। एक वक्त था जब आप को दिल्ली में स्पष्ट बहुमत मिला था। इसके बाद ऐसा मान जा रहा था कि पार्टी देशभर में तेजी से बढ़ेगी, लेकिन चंद दिनों बाद संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने आम का दाम छोड़ दिया। केजरीवाल से साथ उनके निरंतर झगड़े शुरू हो गए और यही झगड़ा योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के अलग होने की वजह बना।
शाजिया इल्मी और मयंक गांधी ने पहले ही छोड़ा साथ
लोकपाल और अन्ना आंदोलन से चर्चा में आई पत्रकार शाजिया इल्मी भी कभी आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य थीं। लेकिन उन्होंने 2014 में लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद केजरीवाल पर पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता मयंक गांधी भी आप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य थे, लेकिन केजरीवाल के रवैये के कारण उन्होंने भी 2015 में पार्टी छोड़ दी।