राज्य में हुए जिला विकास परिषद चुनाव में नई पार्टियों ने अपनी ताकत दिखाई है। इसमें अपनी पार्टी और इकजुट जम्मू पार्टी का गठन हाल ही में हुआ है। इसी तरह कुछ दल अलग-अलग मुद्दों पर गठित हुए हैं, जिनमें युवा बढ़चढ़ कर शामिल हो रहे हैं। इन नई पार्टियों को लोगों का समर्थन भी मिल रहा है। अपनी पार्टी ने जिला विकास परिषद यानी डीडीसी चुनाव में 12 सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा, कुछ निर्दलीय भी जिला विकास परिषद सदस्य के तौर पर इस पार्टी से जुड़े।
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कुल मिलाकर अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने को लेकर राज्य में राजनीतिक दलों का रुख अलग-अलग रहा है। भाजपा को छोड़ सभी बड़ी पार्टियों ने इसका विरोध किया और गुपकार अलायंस गठित किया। वहीं, नए राजनीतिक दलों ने इसे बेहतर अवसर मानते हुए अपना दमखम दिखाया और चुनाव में उतरे, जिसका उन्हें फायदा भी हुआ। इकजुट जम्मू के प्रत्याशियों ने राज्य में कोई सीट तो हासिल नहीं की, मगर लोगों का उन्हें समर्थन मिला और कई सीटों पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे आगे की उम्मीदें जगी हैं। यानी नए जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक लोगों को लग रहा है कि उनके लिए नए मुद्दों पर जनता के बीच जाना पुरानी जम्मू-कश्मीर की राजनीति से ज्यादा आसान है।
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वहीं, प्रदेश में वर्तमान में 22 राजनीतिक दलों में फारुख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कांफ्रेंस, भाजपा, महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी, कांग्रेस, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी, जेआरपी, जम्मू-कश्मीर वर्कर्स पार्टी, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांंफ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स पार्टी, जम्मू-कश्मीर आवामी नेशनल कांफ्रेंस, इकजुट जम्मू, डोगरा स्वाभिमान संगठन, एनडीपीआई, जेकेपीसी, एमआईपी, जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक पार्टी, सीपीआईएम, प्रजा परिषद, जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी, जमात-ए-इस्लामी, ऑल जम्मू-कश्मीर पेट्रियोटिक फ्रंट मुख्य रूप से शामिल हैं।