14 जुलाई को हुई बैठक के बारे में भारतीय सेना के प्रवक्ता ( Indian Army spokesperson ) ने कहा कि भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति को सामान्य करने के लिए स्थापित सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से चर्चा में कर रहे हैं। अभी तक डिसइनगेजमेंट ( Disengagement ) एनएसए अजीत डोभाल ( NSA Ajit Doval ) और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ( Chinese Foreign Minister Wang Yi ) के बीच हुई समझौता वार्ता के अनुरूप हुई है। कोर कमांडरों की बैठक में इस पर चर्चा हुई।
इस बार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA ) और भारतीय सेना के कमांडरों के बीच 14 जुलाई को चौथे दौर की वार्ता चुशुल में हुई। दोनों देश पुरानी स्थिति बहाल करने के पक्ष में हैं। दोनों सेनाएं इस बात को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
भारत की दो टूक : कूलभूषण जाधव से बिना शर्त मिलने की इजाजत दे Pakistan सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन पूरी तरह से सेनाओं को पीछे हटाने के उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्ध ( Committed ) हैं। यह प्रक्रिया जटिल है और इसके लिए निरंतर सत्यापन की आवश्यकता है। वे इस प्रक्रिया को राजनयिक और सैन्य स्तर पर नियमित बैठकों के माध्यम से आगे ले जा रहे हैं।
बता दें कि 15 जून के बाद से गालवान घाटी ( Galwan Valley ) में हुई हिंसक झड़प में भारत ने 20 सैनिकों को खो दिया था और चीन को भी हताहतों की संख्या का सामना करना पड़ा था। दोंनों देशों के सेनिकों के बीच हिंसक झड़प गैल्वान घाटी में पैट्रोलिंग पॉइंट 14 ( PP-14 ) इलाके में हुई थी। हिंसक झड़प वाले स्थान, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट क्षेत्रों में दोनों तरफ से सैन्य विस्थापन हुआ है। पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट और डेपसांग पर होने वाला विघटन अभी भी अधिक चुनौतीपूर्ण है।