1992 में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान
आपको बता दें कि अन्ना हजारे ने बुधवार को अहमदनगर स्थित अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में अनशन शुरू किया था। इस दौरान उन्होंने केंद्र में लोकपाल और महाराष्ट्र में लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति की मांग की। अन्ना हजारे ने रविवार शाम कहा कि अगर मोदी सरकार देश से किए गए वायदों को पूरा नहीं करती तो वह अपना पद्म भूषण लौटा देंगे। अन्ना ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने देश की जनता का विश्वास को तोड़ा है। आपको बता दें कि 81 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता को 1992 में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया गया था।
महाराष्ट्र सरकार को दिया अल्टीमेटम
अन्ना ने आंदोलन शुरू करने से पहले 30 जनवरी को शहीद दिवस पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और तीन मुख्य बिंदुओं पर आंदोलन की शुरुआत करने से पहले एक स्थानीय मंदिर में प्रार्थना की। यह तीन मुख्य बिंदु हैं केंद्र में लोकपाल, प्रत्येक राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति और किसानों का मुद्दा। तीन दिन पहले अन्ना ने राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया था और ऐसा न करने पर भूख हड़ताल शुरू करने की बात कही थी।