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यहा डॉक्टर और नर्सों को प्रथम दृष्टया यह समझ ही नहीं आया कि घायलों में किसको पहले पहले फर्स्ट एड दें। आलम यह था कि हॉस्पिटल में घायलों के लिए बैड कम पड़ गए और एक—एक बैड पर दो—दो लोगों को लिटाना पड़ा। इमरजेंसी को देखते हुए दशहरे की छुटटी कैंसल करते हुए अन्य डॉक्टर्स को भी तुंरत हॉस्पिटल बुलाया गया। हॉस्पीटल में घायलों की संख्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनमें कौन जिंदा है और मृत इसका पता लगाना भी डॉक्टर्स के लिए मुश्किल हो रहा है। इस दौरान हॉस्पिटल में कुल 37 डेड बॉडी पहुंची, जिनमें से 10 बॉडी को हॉस्पिटल के फ्रिज में रखा गया। जबकि अन्य 27 शवों को अन्य स्थान पर बर्फ के सहारे रखा गया। वहीं, जानकारी मिलते ही हॉस्पिटल पहुंचे घायलों के परिजनों की चीख पुकार से हाल बुरा था।
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वहीं, पंजाब के अमृतसर में ट्रेन द्वारा भीड़ को कुचलने जाने की घटना में 60 लोगों की मौत के बाद केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि इस दुर्घटना के लिए उनका मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम के लिए प्रशासन और कार्यक्रम आयोजकों ने रेलवे को सूचित नहीं किया गया था। शुक्रवार आधीरात घटनास्थल पहुंचे सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि वास्तव में कमिश्नर (अमृतसर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने इस स्थान पर दशहरा कार्यक्रम के लिए मंजूरी नहीं दी थी।