रेलवे प्रशासन की पूछताछ में ट्रेन के ड्राइवर ने बताया कि जब उन्हें पटरी पर लोगों की भीड़ दिखाई दी तो उसने आपातकालीन ब्रेक लगाया और हॉर्न भी बजाया था। ड्राइवर अरविंद के अनुसार उन्हें आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल मिला था, जिस वजह से उन्होंने ट्रेन आगे बढ़ा दी। जैसे ही ट्रेन जोड़ा फाटक पहुंची तो कुछ ही दूर में ट्रैक पर लोगों की भीड़ दिखाई दी। उसने गाड़ी को रोकने का प्रयास किया, बावजूद इसके लोग ट्रेन की चपेट में आ गए।
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आपको बता दें कि दशहरे के दिन तेज रफ्तार रेलगाड़ी से कुचलकर 59 लोगों की मौत के बाद रविवार को स्थानीय निवासियों ने यहां पंजाब सरकार और रेलवे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पंजाब पुलिस के कमांडो समेत घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त बल को तत्काल जोड़ा फाटक (रेलवे गेट) के नजदीक इलाके में भेजा गया है, जहां रविवार दोपहर बाद हालात हिंसक हो गए। हालांकि बाद में इस रूट पर रेलवे सेवा को फिर से शुरू कर दिया गया।