कुछ राज्यों ने एंबुलेंस के चार्ज को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं और अधिकतम किराया भी फिक्स कर दिया लेकिन वहां भी इसकी धज्जियां उड़ाकर मरीजों से एक तरह की लूट का खेल जारी है।
MBOSE Result 2020 : मेघालय बोर्ड 10वीं के परीक्षा परिणाम घोषित, ऐसे चेक करें स्कोर अधिकांश राज्यों में एंबुलेंस ऑपरेटरों ने कई गुना किराया बढ़ा दिया है। कोरोना काल ( Corona Era ) से पहले झारखंड और उत्तर प्रदेश ( Jharkhand and Uttar Pradesh ) में एंबुलेंस ऑपरेटर प्रति किलोमीटर 10 रुपए वसूल रहे थे लेकिन अब इसे बढ़ाकर 13 रुपए प्रति किलोमीटर कर दिया गया। झारखंड में मारुति वैन एंबुलेंस 10 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 500 रुपए लेती थी लेकिन अब 900 रुपए वसूले जा रहे हैं।
बिहार में भी प्राइवेट एंबुलेंस ऑपरेटर सामान्य किराया से 5 गुना से 10 गुना ज्यादा तक वसूल रहे हैं। बिहार के हेल्थ ऐक्टिविस्ट मुकेश हिसारिया बताते हैं कि ऑपरेटर मनमाना किराया वसूल रहे हैं।
मुंबई में 10-15KM के लिए 30 हजार मुंबई ( Mumbai ) में जब कोरोना संक्रमण चरम पर था तब 10-15 किलोमीटर की दूरी के लिए मरीजों से 30 हजार रुपए तक वसूले जाने की कई शिकायतें आई थीं। इस लिहाज से प्रति किलोमीटर 3000 रुपए चार्ज किए जा रहे थे। जून के आखिर में महाराष्ट्र सरकार ( Maharashtra Government ) को इसमें दखल देने के लिए मजबूर होना पड़ा। जून के आखिरी हफ्ते में पुणे में एक कोविद-19 ( Covid-19 ) मरीज से शहर के भीतर ही 7 किलोमीटर तक के लिए 8 हजार रुपए देने पड़े थे।
Ladakh : लुकुंग पोस्ट पर 16 बिहार रेजिमेंट के जवानों से मिले राजनाथ, बहादुरी को किया सलाम बेंगलूरू में 6KM के लिए 15000 बेंगलूरू ( Bengaluru ) में एक शख्स से अपनी 54 साल की मां को 6 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित निजी अस्पताल तक ले जाने के लिए 15000 रुपए चार्ज किया गया। कोलकाता ( Kolkata ) में कोरोना मरीजों को 5 किलोमीटर तक लाने-ले जाने के लिए 6 हजार से 8 हजार रुपए जा रहे हैं।
पीपीई किट के 3 हजार अलग से एंबुलेंस ऑपरेटर ने यह लूट सिर्फ 20-25 गुना तक किराया वसूलने तक सीमित नहीं है। बल्कि कई प्राइवेट एंबुलेंस तो ड्राइवरों, हेल्परों के पीपीई किट और ऐंबुलेंस को सैनिटाइज करने के लिए अलग से 3 हजार रुपए वसूल रहे हैं। हैदराबाद में एक शख्स से अपने चाचा को निजामपेट के एक हॉस्पिटल से 20 किलोमीटर दूर सिकंदराबाद के गांधी अस्पताल तक ले जाने के लिए एक प्राइवेट ऑपरेटर ने 11 हजार रुपए वसूले। कई राज्यों में एंबुलेंस की कमी की वजह से कोरोना के मरीजों को जान गंवानी पड़ी।
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के मुताबिक प्रति 1 लाख आबादी पर कम से कम 1 एंबुलेंस होना चाहिए। बात अगर बेंगलुरु की करें तो यहां करीब 1.4 लाख आबादी पर एक ऐंबुलेंस है।