Big News: पूर्व मुख्यमंत्री के निजी सचिव के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी में 2000 करोड़ का खुलासा बाहरी दिल्ली स्थित आईटीबीपी के छावला शिविर में ये सभी 406 संदिग्ध दो सप्ताह से अधिक समय बिता चुके हैं। यहां रह रहे सभी व्यक्तियों को अब घर जाने की अनुमति दे दी गई है। इन सभी 406 व्यक्तियों को स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने स्वस्थ होने का प्रमाणपत्र जारी किया है।
एयर इंडिया (Air India) के दो विशेष विमानों से कुल 647 भारतीय नागरिकों को चीन (China) से वापस लाया गया था। भारत सरकार (India Government) ने चीन से आने वाले सभी भारतीयों को दिल्ली के छावला व हरियाणा के मानेसर स्थित इंडियन आर्म फोर्स मेडिकल सर्विसेज के भवन में ठहराने का इंतजाम किया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, “चीन से लौटे इन सभी लोगों को कम से कम दो सप्ताह तक शेष भारतीय नागरिकों से अलग रखने का फैसला किया गया था और यह समय सीमा पूरी होने पर अब इन्हें घर भेजा जा रहा है।”
वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस का यह संक्रमण अब चीन के 30 अलग-अलग राज्यों में फैल चुका है। वुहान ही चीन का वह शहर है, जहां अधिकांश भारतीय छात्र व अन्य नागरिक फंसे हुए थे। चीन से स्वदेश लौटने वाले अधिकांश भारतीयों में सबसे ज्यादा संख्या छात्रों की ही है।
पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र चीफ ने दिया भारत के खिलाफ बड़ा बयान, संसद पर लगाया विभाजनकारी कानून बनाने का आरोप दिल्ली और हरियाणा में बने अस्थायी शिविरों में ले जाने से पहले चीन से आने वाले सभी भारतीयों की पहले चीन में और फिर दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट परिसर में ही गहन जांच की गई थी, जिसमें थर्मल स्क्रीनिंग भी शामिल रही। इसके बाद चीन से लौटे इन सभी भारतीयों को विशेष वाहनों से छावला व मानेसर ले जाया गया। छावला और मानेसर के इन शिविरों में चीन से लौटे भारतीयों को विशेषज्ञ एवं चिकित्सा दल की सघन निगरानी में रखा गया।
इन शिविरों में प्रतिदिन इनकी नियमित जांच की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “जांच में पता चला है कि इनमें से कोई भी भारतीय कोरोना वायरस से ग्रसित नहीं है।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, “विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों के मामले में चीन की सरकार के साथ लगातार संपर्क में है और जल्द ही भारत लौटने के इच्छुक अन्य नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा।”