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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल जाएंगे चीन, शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में लेंगे हिस्सा सिख समुदाय में था रोष गौरतलब है कि लंगर पर लगे जीएसटी को लेकर सिख समुदाय में भारी रोष था। देशभर में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा था। समुदाय के लोग लंगर से जीएसटी हटाने की मांग कर रहे थे। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने लंगर से जीएसटी वापस लेने का फैसला किया।
लंगर और प्रसाद को जीएसटी दायरे में लाने पर हुई थी आलोचना गौरतलब है कि लंगर और प्रसाद पर पहले कोई टैक्स नहीं लगता था। लेकिन 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद लंगर और प्रसाद को इस दायरे में रखा गया। इनपर जीएसटी लगने से मोदी सरकार को आलोचना झेलनी पड़ रही थी। सरकार ने इसे देखते हुए इसे हटाने का फैसला किया । सरकार के इस फैसले से गुरुद्वारों और मंदिरों समेत धार्मिक संस्थानों को बड़ी राहत मिली है।
ये वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर जीएसटी के अंतर्गत दूध, अंडे, नमक, ताजी सब्जियां, फल, गर्भनिरोधक, जैविक खाद, मिट्टी के बर्तन, बिंदी, चूड़ी, कांच की चूड़ियां, हैंडलूम, सुनने की मशीन, हाथ से बने संगीत उपकरण को जीएसटी के अंतर्गत छूट दी गई है। जीएसटी में कुल सात फीसदी सामान को कर से छूट दी गई है।