विदेशों में फंसे हजारों भारतीयों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार ने 7 मई से हवाई अभियान शुरू करने की तैयारी कर ली है। एयर इंडिया ( Air India ) के विमानों और नौसेना ( Navy ) के जहाजों के लिए विदेशों ( NRI ) में फंसे भारतीयों ( Indian) को स्वदेश लाएंगे।
मनमानी फीस वसूलने वालों के खिलाफ सरकार सख्त, स्कूल किए सील विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के हवाई अभियान की शुरुआत सबसे पहले खाड़ी के देशों से होगी। जहां अनिवासी भारतीयों की 70 फीसदी आबादी है।
पहले चरण में 1.90 लाख लोगों की वापसी
सरकार के मुताबिक भारतीयों को वापस लाने के लिए पहले चरण में करीब 2 लाख लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए दुबई और अबू धाबी से लौटने के लिए स्थानीय मिशनों के साथ पंजीकरण किया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक “अल्पावधि” में सरकार को 1,92,000 भारतीयों और मध्यम अवधि में 2 से 2.5 लाख की वापसी की उम्मीद है। गल्फ देशों के बाद सरकार यूएस, यूके, इरान और दक्षिण एशियाई देशों से भारतीयों को वापस लाएगी। यूएस से करीब 20 हजार भारतीयों ने लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है।
सरकार की गाइडलाइंस करना होगी फॉलो
विदेशों से भारत लौटने वाले यात्रियों को सरकारी गाइडलाइन का पालन करना होगा। इसके तहत सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और जिनमें कोरोना वायरस जैसे लक्षण नहीं होंगे, केवल उन्हीं को यात्रा की इजाजत होगी। भारत पहुंचने पर उन्हें ‘आरोग्य सेतु’ ऐप डाउनलोड करना होगा।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से हो रही लोगों की घर वापसी, रेलवे वसूल रहा अलग श्रेणी का किराया घर वापसी और 14 दिन क्वारंटीन के लिए यात्री को देना होगा खर्च स्वदेश लौटने पर यात्रियों की जांच की जाएगी। इसके बाद यात्रियों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन केंद्रों में रखा जाएगा। इन केंद्रों में रहने के लिए भी यात्रियों को सरकार को राशि देना होगी।
14 दिन बाद इन यात्रियों की फिर जांच होगी जो ठीक होंगे उन्हें घर भेजा जाएगा। यात्रा का किराया भी यात्रियों को खुद ही वहन करना होगा। आपको बता दें कि 90 के दशक में भी एयर इंडिया ने एयर लिफ्ट का महाअभियान चलाया था। इसके तहत 1 लाख 70 हजार लोगों को स्वदेश लाया गया था।