इस बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करते हुए दी है। हालांकि ओवैसी ने यह नहीं बताया है कि उन्होंने किस वैक्सीन (कोविशील्ड या कोवैक्सीन) का टीका लगवाया है।
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टीका लगवाने के बाद ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लोगों से अपील की कि वे जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाएं। यह टीकाकरण आपको कोविड से सुरक्षा में मदद करता है और अन्यों के लिए खतरा भी कम करता है। ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘अलहमदुलिल्लाह आज वैक्सीन की पहली डोज ली। टीकाकरण न सिर्फ आपको कोविड-19 से बचाता है, बल्कि सभी के लिए खतरे को कम करता है। मैं हर योग्य इंसान से अपील करूंगा कि जल्द से जल्द अपॉइंटमेंट लें और टीका लगवाएं। अल्लाह हमें इस महामारी से बचाए!’ बता दें कि ओवैसी ने कंचनबाग के ओवैसी हॉस्पिटल में जाकर टीका लगवाया।
पीएम मोदी के टीका लगवाने पर ओवैसी ने उठाए थे सवाल
आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी लगातार वैक्सीन को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं। उन्होंने बीते एक मार्च को जब पीएम मोदी ने वैक्सीन लगवाई थी, तब भी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर जर्मनी की सरकार के एक दावे का हवाला देते हुए कहा था कि सरकार इसपर अपनी स्थिति साफ करे।
ओवैसी ने कहा था कि सरकार को ये बताना चाहिए कि कोविशील्ड 64 या उससे अधिक आयुवर्ग को लोगों पर उतना प्रभावी नहीं है, जितना की 18 से 64 साल के लोगों के लिए है। यदि ऐसा है तो सरकार को इस भ्रम को दूर करना चाहिए। बता दें कि पीएम मोदी ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की पहली डोज दिल्ली के एम्स में लगवाई थी।
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मालूम हो कि ओवैसी ने भारत द्वारा दूसरे देशों को वैक्सीन देने पर भी सवाल उठाए थे। संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि चूंकि भारत दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर उभरा है, ऐसे में संकट की इस घड़ी में हम पूरी दुनिया की मदद करेंगे। इसपर ओवैसी ने कहा था कि ‘सर, क्या आपकी हुकूमत (केंद्र सरकार) 80 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम करेगी? बता दें कि मोदी सरकार ने अब तक 65 से अधिक देशों को कोरोना वैक्सीन भेजा है। भारत ने दो स्वदेशी वैक्सीन (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) को टीकाकरण के लिए मंजूरी दी है।