दरअसल, 16 बिहार की बटालियन को तेलंगाना स्थित हैदराबाद भेजा जा रहा है। हैदराबाद शहीद कर्नल संतोष बाबू ( Shaheed Colonel Santosh Babu ) का गृहनगर भी है। अब गलवान में 16 बिहार रेजिमेंट की जगह (16 Bihar Regiment ) की एक अन्य बटालियन को तैनात किया जा रहा है।
750 MW रीवा सोलर पावर प्लांट राष्ट्र को समर्पित, पीएम मोदी ने कहा – MP स्वच्छ और सस्ती बिजली का HUB बनेगा एक अन्य अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक 16 बिहार रेजिमेंट के सैनिकों और गालवान घाटी झड़प में शामिल अन्य यूनिट्स ने सम्मानजनक रूप से लड़ाई लड़ी और बाधाओं को पार किया। 16 बिहार रेजिमेंट को शांति स्थान पर भेजा जा रहा है।
मीडिय रिपोट्र्स के मुताबिक 16 बिहार रेजिमेंट ने मार्च-अप्रैल में पूर्वी लद्दाख में अपना ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर लिया था, लेकिन कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Lockdown ) के कारण उनके मूवमेंट में देरी हुई। पूर्व सेना उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एएस लांबा (रिटायर्ट) ने कहा कि अभूतपूर्व स्थिति में 16 बिहार रेजिमेंट द्वारा प्रदर्शित वीरता भारत के सैन्य इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी। बटालियन की कार्रवाई भारत की विशाल सीमाओं पर ड्यूटी करने वालों को प्रेरित करेगी।
India China Standoff : पैंगोंग फिंगर-4 से पीछे हटीं दोनों देश की सेना, भारत का पीछे हटना चौंकाने वाली बात बता दें गलवान हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों में हैदराबाद निवासी कर्नल संतोष बाबू भी थे जो गलवान में पेट्रोलिंग प्वाइंट-14 (PP-14 ) पर हुई हिंसक झड़प में मारे गए थे। 16 बिहार रेजिमेंट के अलावा 3 पंजाब, 3 मीडियम रेजिमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के सैनिक भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए थे।