ये है नहीं लौटने की वजह पिछले कुछ सप्ताह से जारी सत्ता संघर्ष के बीच तालिबान ( Taliban ) का राज फिर से कायम होना है। छात्रों को फिर से तालीबानी बर्बरता का डर अभी से सताने लगा है। पीएचडी पाठ्यक्रम के छात्र एनएनआई को बताया है कि वे अकादमिक वीजा का विस्तार चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान युद्धग्रस्त क्षेत्र है। अधिकांश लोग बेरोजगार हैं। मौत या कैद से बचने की कोशिश कर रहे हैं। भारी शुल्क की व्यवस्था करना लोगों के असंभव है। चालू सत्र के टर्मिनल छात्रों को 23 सितंबर तक छात्रावास छोड़ना पड़ेगा।
सहयोग के बिना यहां रुकना मुश्किल जेएनयू में एक अफगान छात्र अली असगर ने कहा कि उनका वीजा कार्यकाल तीन महीने के भीतर समाप्त हो जाएगा। मैंने एक सप्ताह पहले अपने पिता के साथ बात की थी। उन्होंने मुझे बताया कि मेरा परिवार दूसरे क्षेत्र में भाग रहा है क्योंकि तालिबान हमारे शहर पर नियंत्रण कर सकता है। वे नहीं चाहते कि मैं वापस आऊं, लेकिन विदेशी छात्रों के लिए शुल्क संरचना बहुत अधिक है जिसका भुगतान हम अपने परिवार के सहयोग के बिना नहीं कर सकते। मेरा परिवार पूरी तरह से बेरोजगार है।