एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ( ADR ) ने चुनावी हलफनामों का हवाला देते हुए कहा कि इन सभी मंत्रियों के किए गए विश्लेषण में 42 फीसदी यानी 33 मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने का उल्लेख किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल की अलीपुरद्वार से सांसद व अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री बनाए गए जॉन बरला पर 24 गंभीर किस्म की धाराओं वाले 9 मामले हैं, जबिक 38 अन्य मामले भी दर्ज हैं।
जिन चार मंत्रियों ने हत्या के प्रयास से जुड़े मामलों की घोषणा की है। उनमें जॉन बारला, प्रमाणिक, पंकज चौधरी और वी मुरलीधरन शामिल हैं।
मोदी कैबिनेट के 5 मंत्रियों पर सांप्रदायिकता फैलाने और धार्मिक भावनायें भड़काने का आरोप है। इनमें कृषि राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी शामिल हैं।
यही नहीं नितिन गडकरी समेत सात मंत्रियों पर चुनाव के दौरान अवैध ढंग से आर्थिक फायदा लेने का आरोप है।
मोदी कैबिनेट के कुल 78 मंत्रियों में से 70 करोड़पति हैं, जो कैबिनेट के 90 फीसदी हिस्सा है। इनमें हर मंत्री की औसत संपत्ति की बात करें तो वो 16.24 करोड़ रुपए है।
मोदी कैबिनेट में चार ऐसे मंत्री हैं, जिन्होंने 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति का उल्लेख हलफनामे में किया है। ये मंत्री हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीयूष गोयल, नारायण तातु राणे और राजीव चंद्रशेखर।
मोदी कैबिनेट के 78 मंत्रियों में से 8 मंत्री ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति एक करोड़ से भी कम है। इनमें जॉन बारला, प्रतिमा भौमिक, वी. मुरालीधरन, रामेश्वर तेली, कैलाश चौधरी, बिश्वेश्वर टूडु, शांतनु ठाकुर एवं निशिथ प्रमाणिक शामिल हैं। इन 8 मंत्रियों में भी सबसे कम जिस मंत्री ने अपनी संपत्ति घोषित की है वो है प्रतिमा भौमिक। इन्होंने सिर्फ 6 लाख रुपए की संपत्ति बताई है।