नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को आधार वित्तीय और अन्य सहायिकियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्षित परिदान विधेयक 2016 पारित हो गया। संसद के निचले सदन में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खासा बहुमत है, इसलिए विपक्ष ने राज्यसभा के महत्व को कम करने की साजिश का आरोप लगाया है।
विधेयक के संबंध में लोगों की गोपनीयता सार्वजनिक होने और दुरूपयोग किए जाने की कुछ सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य आम लोगों, गरीबों तक कल्याण योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक की संकल्पना पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की है, लेकिन तब भी गोपनीयता एवं अन्य विषय उठे। 2009 के बाद से सात वर्ष गुजर गए हैं। इन सभी विषयों पर गंभीरता से विचार किया गया है और विधेयक में चैप्टर-6 जोड़ा गया है जो गोपनीयता से संबंधित है जिसमें संबंधित प्राधिकार से गोपीयता सुनिश्चित करने की बात कही गई है। कुछ डाटा व्यक्ति की सहमति से साझा की जा सकती है लेकिन बायोमेट्रिक डाटा व्यक्तिकी सहमति से भी साझा नहीं की जा सकती है।
जेटली ने कहा कि प्राइवेट एजेंसी को भी सूचना लीक नहीं करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का मकसद राज्यों को सशक्त बनाना है ताकि वे लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचा सके। इस विधेयक पर लगभग आमसहमति है। इसलिए इसे पारित किए जाने की तत्परता है।
विपक्ष का कहना है कि सरकार राज्यसभा को अनावश्यक बनाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वहां वह अल्पमत में है, और उनके लिए बिलों को पारित कराना कठिन है। दरअसल, अगर कोई विधेयक धनसंबंधी विधेयक के रूप में लोकसभा द्वारा पारित किया जाता है, तो संसद का उच्च सदन अथवा राज्यसभा उस पर केवल चर्चा कर सकती है, उसमें संशोधन नहीं कर सकती। इसके अलावा राज्यसभा को धनसंबंधी बिल पर चर्चा भी तुरंत करनी पड़ती है, क्योंकि यदि राज्यसभा में पेश किए जाने के 14 दिन के भीतर चर्चा नहीं होती है, तो उसे पारित मान लिया जाता है।
जेटली ने कहा कि पहले के मसौदे में यह स्पष्ट नहीं था कि हम विशिष्ट पहचान संख्या का क्या करेंगे, लेकिन इस विधेयक में इसे पूरी तरह से स्पष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब एवं आम लोगों के कल्याण के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। लेकिन अब से कुछ समय पहले तक मेरे जैसा व्यक्ति भी एलपीजी, पेट्रोल सब्सिडी ले सकता था। क्या हमारे जैसे लोगों के लिए सब्सिडी है?
वित्त मंत्री ने कहा कि हमने यह पहल की है कि सब्सिडी का लाभ लक्षित लोगों को मिले और जो लोग इसके हकदार नहीं है, उन्हें सब्सिडी न मिले। विधेयक के धन विधेयक के रूप में पेश कि जाने के बारे में सवाल के बारे में जेटली ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 110 सी में कहा गया है कि जो भारत की संचित निधि से संबंधित हो, वह धन विधेयक होगा। इस बारे में आसन की व्यवस्था होती है।
कांग्रेस से विधेयक पारित कराने में सहयोग देने का आग्रह करते हुए जेटली ने कहा कि कांग्रेस कहती है कि इस विधेयक की संकल्पना उसने की, तब भी जिस विधेयक को उसने जन्म दिया, उसे उसका समर्थन करना चाहिए। आधार बिल 2016 के अंतर्गत यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (एकमात्र पहचान क्रमांक) प्रोग्राम अथवा आधार को कानूनी मान्यता दी जाएगी, और फिर सब्सिडी तथा अन्य लाभ सीधे बांटने के लिए उसी का इस्तेमाल किया जाएगा।
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