मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, छात्र दक्षिण कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है और एक स्थानीय स्कूल में ही आठवीं कक्षा में पढ़ता है। बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से उसकी एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें वो हथियारों के साथ दिख रहा है। कहा जा रहा है कि वो छात्र आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया है। हालांकि अभी ऐसी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन वायरल फोटो यही बता रही है कि छात्र दहशतगर्द बन गया है।
आशंका जताई जा रही है कि आतंक के आका अपने नापाक मंसूबों को कामयाब बनाने के लिए अब नाबालिग बच्चों को ढाल बना रहे हैं और आतंकी संगठन में उन्हें भर्ती कर रहे हैं। उनका साफ लक्ष्य यही कि इससे घाटी का माहौल खराब किया जाए। आपको बता दें कि घाटी से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं कि पढ़े-लिखे युवा रास्ते से भटक कर आतंकी की राह पर चले गए हैं।
पिछले कुछ समय में जिन लोगों ने आतंक का रास्ता अपनाया है, उनमें कश्मीर विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. मोहम्मद रफी भट, एएमयू के रिसर्च स्कॉलर मन्नान वानी, हुर्रियत नेता मो. अशरफ सेहरई का एमबीए बेटा जुनैद का नाम शामिल हैं। ये सभी पिछले कुछ समय में आतंकी बन गए हैं। दुर्दांत आतंकी जाकिर मूसा भी बीटेक है। हालांकि, पिछले दिनों असिस्टेंट प्रोफेसर एक मुठभेड़ में मारा गया था। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय युवाओं को हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए परिवार वालों से अपील कराई जा रही है। किसी भी मुठभेड़ के दौरान उन्हें समर्पण करने का पूरा मौका दिया जाता है। हिंसा छोड़ने वालों के पुनर्वास के साथ ही उनकी सुरक्षा का भी इंतजाम किया जा रहा है।